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प्रादेशिक

सीएम योगी ने उच्चस्तरीय बैठक में निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के दिए निर्देश

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लखनऊ। प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यलयों की दशा और दिशा बदलने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालय और छात्रावास में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने और इसकी निगरानी के लिए विभाग की ओर से एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाय। सीएम योगी ने कहा है कि नोडल अधिकारी विद्यालयों और छात्रावासों में सुविधाओं की समीक्षा करें और लापरवाह लोगों की जवाबदेही तय करें।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने कोरोना काल के दौरान एक दिन भी बालिकाओं की शिक्षा रुकने नहीं दी। तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए बालिकाओं को ई-पाठशाला, दूरदर्शन और व्हाट्सएप के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। बालिकाओं का कोर्स पूरा कराने के साथ उनके लिये यू-ट्यूब पर कार्यक्रम हो रहे हैं। योगी सरकार का प्रयास बेटियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है।
प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के 746 विकासखंडों में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय चलाए जा रहे हैं। इनमें से 300 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कक्षा 06 से 08 तक की बालिकाएं शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। 446 विद्यालयों में कक्षा 06 से 12 तक की बालिकाओं को भी पढ़ाया जा रहा है।

प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा में सुधार लाने के प्रयास शुरू किए। विद्यालयों को उच्चीकृत कराने के साथ पाठ्यक्रमों में बदलाव किया गया। शिक्षकों को नवीन तकनीक का प्रशिक्षण दिलाने और समाज के प्रत्येक वर्ग के बालक-बालिकाओं को शिक्षा दिलाने के लिये विद्यालयों की स्थापना कराई। शिक्षा का कायाकल्प कर योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने का काम किया। अपने साढ़े चार साल से अधिक के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव करते हुए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग और बीपीएल परिवारों की बालिकाओं को आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा देने की भी व्यवस्था की है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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