अन्तर्राष्ट्रीय
‘हमें युद्ध की आग में झोक दिया’, रूसी सैनिकों ने रो-रोकर घुटने टेक मांगी माफ़ी
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जिस मकसद के साथ यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया था, वो दूर-दूर तक पूरा होता नहीं दिख रहा। यूक्रेन की सेना और आम लोगों ने अपनी जमीन पर हुए हमले का कड़ा मुकाबला किया है। जिसके चलते रूसी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ये युद्ध व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद बीते गुरुवार को शुरू हुआ था। इस बीच रूसी सैनिकों के कई वीडियो सामने आए हैं। जिनमें वो फूट-फूटकर रोते हुए देखे गए हैं। उनका कहना है कि उन्हें बिना बताए युद्ध की आग में झोंक दिया गया है।
अब एक नया वीडियो सामने आया है जिसमे रूसी सैनिक यूक्रेनी नागरिकों के आगे घुटने टेके नज़र आ रहे हैं। इन सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर अपनी जान बचाने का प्रयास किया। ये सैनिक कहते हैं कि ‘हम यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में नहीं जाना चाहते थे, हम हतोत्साहित थे, लेकिन कमांड ने कहा कि अगर हम पीछे हट गए, तो हमें आदेश का पालन नहीं करने के लिए गोली मार दी जा सकती है।’
In Kharkiv, a large group of Russian soldiers surrendered.
"We did not want to go to war against Ukraine, we were demoralized, but the command said that if we retreated, we could be shot for not following the order"#UkraineUnderAttaсk #UkraineRussiaWar #UkraineWar #WAR pic.twitter.com/aXlEw9Hpc0— Timur (@t_bdgv) February 27, 2022
सैनिकों का कहना है कि इन्हें यूक्रेन के उन शांतिपूर्ण लोगों के खिलाफ लड़ाई करने के लिए भेजा गया है, जो अपने देश की रक्षा कर रहे हैं। कमांडरों ने इनकी बलि चढ़ाने के लिए इन्हें यहां भेजा है।एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के झंडे के आगे बैठे रूस के एक घायल सैनिक ने कहा, ‘ये हमारी लड़ाई नहीं है। मां और पत्नियां अपने बेटे-पतियों को यहां से ले जाएं। उनकी यहां कोई जरूरत नहीं है।’ एक अन्य वीडियो में हथकड़ी बांधे बैठा सैनिक रोता हुआ कहता है, ‘वो हमारे शव भी नहीं उठाएंगे, यहां अंतिम संस्कार तक नहीं होगा।’
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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