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जुर्म

मुंबई की ‘निर्भया’ को मिला इन्साफ, दोषी मोहन चौहान को फांसी की सजा

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मुंबई। मुंबई के साकीनाका में 9 सितम्बर 2021 को हुए रेप और मर्डर मामले में दोषी मोहान चौहन को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने इसे दुर्लभ मामला बताया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में दोषी को कड़ी सजा देना जरूरी है।

राज्य सरकार ने कोर्ट से आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी। कोर्ट ने राज्य का निवेदन स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने  पीड़िता की आंत को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया था जिससे उसका पाचन तंत्र पूरी तरह खराब हो गया था।

प्राइवेट पार्ट में हथियार डाल की थी हत्या

आरोपी मोहन चौहान ने 32 साल की महिला के साथ अंधेरी के साकीनाका इलाके में दरिंदगी की हदें पार कर दी थीं। उसने पहले महिला के साथ रेप किया और फिर प्राइवेट में हथियार डालकर हत्या कर दी।

आरोपी मोहन चौहान पेशे से ड्राइवर था। कोर्ट में जब मामले की सुनवाई चल रही थी तब वह पीड़ित पक्ष के वकीलों को गालियां भी देता था। सरकारी वकील ने तभी कहा था कि इसमें सुधार की गुंजाइश नहीं है।

कोर्ट में रोते हुए आरोप लगाने लगा था दोषी

सोमवार को कोर्ट ने मोहन चौहान को रेप और मर्डर के मामले में दोषी करार दिया था। कोर्ट में जब दोषी से पूछा गया कि उसे कितनी सजा मिलनी चाहिए तो वह जोर-जोर से रोने लगा और आरोप लगाने लगा कि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।

वहीं दोषी के वकील ने कहा कि यह दुर्लभ मामला नहीं है क्योंकि घटना के बाद भी पीड़िता जिंदा थी और अच्छे इलाज से उसे बचाया जा सकता था।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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