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12 बच्चों की मां विरोनिका मेरिट बनी दादी, बेटे से सिर्फ दो महीने छोटी है नातिन

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वॉशिंगटन। अमेरिका की विवादित टिकटॉक स्टार, 12 बच्चों की मां 37 वर्षीय विरोनिका मेरिट दादी बन गई हैं। ThisMadMama के नाम से टिकटॉक पर मशहूर विरोनिका की नातिन उनके सबसे छोटे बेटे से सिर्फ दो महीने छोटी है।

उनका सबसे छोटा 12वां बच्चा दो महीने पहले ही पैदा हुआ है, जिसका नाम Modi है। विरोनिका की सबसे बड़ी 22 साल की बेटी विक्टोरिया ने 18 जून को एक प्यारी सी बच्ची को जन्म दिया है। बच्ची का नाम मेडिलिन रखा गया है। जब वह अस्पताल से उसे घर लेकर आई तो उसका स्वागत 11 मामा और मौसी ने किया।

विक्टोरिया के अलावा विरोनिका के बाकी बच्चों की उम्र 2 महीने से 17 साल के बीच है। विक्टोरिया ने कहा कि जब से उनकी बेटी घर में आई है तब से वह सबकी प्यारी बनी हुई है। हर कोई उसे अपनी गोद में लेना चाहता है और इसके लिए उन्हें इंतजार करना पड़ता है।

14 साल की उम्र में पहली बार बनीं मां

विरोनिका के टिकटॉक पर 204,000 फॉलोवर्स हैं। 37 साल की उम्र में दादी बन कर वह बहुत उत्साहित हैं। विरोनिका ने अपनी नातिन को लेकर कहा, ‘ये मुझे घोसले में चूजे की तरह दिखती है, क्योंकि ये बहुत प्यारी और नाजुक है।’

विरोनिका ने 14 साल की उम्र में पहले बच्चे को जन्म दिया था। अपनी जिंदगी के 9 साल तक वह गर्भवती रहीं, जो उनकी उम्र का लगभग एक चौथाई है।

अब नहीं पैदा करेंगी और बच्चे

विरोनिका ने पहले कहा था कि उन्हें एक बड़ा परिवार चाहिए। हाल ही में जब वह प्रेग्नेंट थीं, तो उन्होंने कहा था कि वह अभी पांच बच्चे और पैदा करेंगी लेकिन हाल ही में एक बातचीत में विरोनिका ने कहा कि उन्होंने अब रुकने का फैसला किया है। Modi ही उनकी आखिरी संतान होगा।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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