Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

आतंकवाद पर चीन का दोहरा रवैया फिर उजागर, बचा रहा है इस मोस्ट वांटेड आतंकी को

Published

on

Loading

बीजिंग। आतंकवाद को लेकर चीन की दोहरी नीति बार-बार उजागर हो जाती है। चीन चाहे जितनी शांति की बात करे लेकिन आतंकवादियों व आतंक को समर्थन करने वाले देश पाकिस्तान के प्रति उसका प्रेम सामने आ ही जाता है। इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका की तरफ से दिए गए उस प्रस्ताव पर चीन ने विरोध कर दिया जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर आतंकी सरगना अब्दुल रऊफ अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया गया था।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर अब्दुल रऊफ अजहर की संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में नाम जुड़ने पर रोक लगा दी गई है। यह सब तब हुआ जब भारत और अमेरिका ने अजहर को इस लिस्ट में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन चीन प्रतिबंध लगाने वाले इस प्रस्ताव को मंजूरी देने में देरी कर रहा है।

चीन के अलावा अन्य देश सहमत

चीन का यह कदम इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि इस प्रस्ताव पर बाकी सभी 14 सदस्य देश सहमत हैं। एक तथ्य यह भी है कि अमेरिका ने 2010 में ही अब्दुल रऊफ अजहर को आतंकवादियों की सूची में डाल दिया था। इसके बाद वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव भी पारित किया गया लेकिन चीन इससे पीछे हटता नजर आ रहा है।

मसूद अजहर का छोटा भाई है अब्दुल रउफ

अब्दुल रउफ अजहर जैश के सरगना मसूद अजहर का छोटा भाई है। रउफ अजहर ने ही इंडियन एयरलाइंस के आईसी-814 विमान को 1999 में हाईजैक करने की साजिश रची थी। जिसमें करीब 173 लोग सवार थे। इस हाईजैक के कारण भारत को अब्दुल रउफ के बड़े भाई मसूद अजहर को रिहा करना पड़ा था। तभी से यह भारत के टॉप पांच मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल है। भारत में जैश द्वारा किए जा रहे हमलों की योजना यही बनाता है।

भारत को दिए हैं कई दर्द

भारत में जैश द्वारा किए गए हमलों में 2001 का जम्मू कश्मीर विधानसभा पर हमला, संसद पर हमला, पठानकोट आतंकी हमला, नगरोटा और कठुआ कैंप पर हमला और हाल ही में हुआ पुलवामा आतंकी हमला शामिल है। भारतीय खुफिया एजेंसी के मुताबिक अब्दुल रऊफ ही अजहर मसूद की गैर मौजूदगी में जैश से संबंधित सभी फैसले लेता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

Continue Reading

Trending