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उत्तर प्रदेश

मैक्सिको और थाईलैंड भी जल्द हो सकते हैं UPGIS 2023 में पार्टनर कंट्री

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UPGIS 2023

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लखनऊ। उप्र की अर्थव्यवस्था को सुपर बूस्ट करने और राज्य में रोजगार के बड़े अवसरों का सृजन करने के लिए योगी सरकार अगले साल 10 से 12 फरवरी तक यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (UPGIS 2023) का आयोजन करने जा रही है।

योगी सरकार ने कुल 19 देशों को साथ लाने का बनाया है लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके जरिए प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य तय कर रखा है। समिट के लिए सरकार की ओर से 19 देशों को पार्टनर कंट्री के तौर पर जोड़ने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक पांच देश उप्र के साथ जुड़ चुके हैं।

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वहीं बहुत जल्द मैक्सिको और थाईलैंड भी UPGIS 2023 के पार्टनर कंट्री के तौर पर जुड़ने जा रहे हैं। इसे लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। बता दें कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनिया भर के 10 हजार से भी ज्यादा डेलिगेट्स उत्तर प्रदेश आने वाले हैं।

UPGIS 2023 का प्रचार करेंगे भारतीय मिशन

योगी सरकार विश्व के बड़े व्यापारिक और औद्योगिक समूहों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करने की योजना पर तेजी से काम कर रही है। हाल ही में भारत आये दुनिया के 118 देशों में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त और राजदूतों से यूपी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबंध में गहन विचार-विमर्श भी किया है।

सरकार का पूरा जोर विदेशों में कार्यरत भारतीय मिशनों के जरिए यूपी जीआईएस का प्रचार जोर-शोर से करने पर है। इसके लिए भारत की सभी एम्बेसी, हाई कमीशन और काउंसलेट की वेबसाइटों के जरिये यूपी जीआईएस 23 की पब्लिसिटी का प्लान है।

सरकार इन्वेस्टमेंट सेंट्रिक पॉलिसी को लेकर सजग

योगी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से विदेशों में कार्यरत भारतीय मिशनों के साथ लक्षित कंपनियों, खासकर वे जो भारत में निवेश करना चाहती हैं की जानकारी साझा की जा रही हैं। इसके अलावा भारत में निवेश को इच्छुक विदेशी कंपनियों को यूपी जीआईएस में आमंत्रित करने को लेकर भी चर्चाएं लगातार चल रही हैं।

भारतीय उच्चायुक्तों, राजदूतों और काउंसलेट्स के साथ इन्वेस्टमेंट सेंट्रिक पॉलिसी को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं। प्रदेश सरकार की ओर से विभिन्न सेक्टरों के लिए नयी नीति का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है।

यूपी के प्रभावशाली प्रवासियों पर भी नजर

सरकार का ध्यान विदेशों में रह रहे ऐसे प्रभावशाली प्रवासी भारतीयों पर है, जिनकी जड़ें उत्तर प्रदेश से जुड़ी हुई हैं। योगी सरकार सभी लक्षित देशों में रह रहे उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को एक मंच पर लाने का भी विचार कर रही है।

इसके अलावा रोड शो के लिए मेजबान देशों के महत्वपूर्ण व्यापारिक संगठनों और विभागों से भी बातचीत का दौर शुरू हो चुका है। भारतीय मिशन के अधिकारियों से यूपी जीआईएस के लिए नोडल अफसरों को नियुक्त करने के लिए भी कहा गया है, जिनसे यूपी सरकार के अधिकारी हमेशा संपर्क में रह सकें।

नवंबर से शुरू होगा विदेश दौरा

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंग्लैंड, मॉरिशस, फ्रांस, डेनमार्क और सिंगापुर पार्टनर कंट्री बनने के लिए तैयार हैं। वहीं मैक्सिको और थाईलैंड से बातचीत अंतिम दौर में है। इसके अलावा अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, जापान, इजराइल, रूस, बेल्जियम, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका को पार्टनर कंट्री बनाने के लिए भी सरकार के आला अधिकारी मिशन मोड में जुटे हुए हैं।

नवंबर में सरकार की ओर से सभी लक्षित 19 देशों के 21 शहरों में रोड शो का आयोजन किया जाना है। इसके लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उनके मंत्रीगण अलग अलग देशों का दौरा करेंगे।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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