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नेशनल

भारतीय रेल ने 6 और होली स्पेशल ट्रेन चलाने का किया ऐलान, यहां जानें पूरी डिटेल  

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Indian Railways

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नई दिल्ली। होली का त्यौहार नजदीक है। लोग-बाग त्यौहार मनाने के लिए अपने अपने घरों को आने की तैयारी कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर भारतीय रेल ने उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के लिए 6 और होली स्पेशल ट्रेन चलाने का ऐलान किया है।

रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली इन होली स्पेशल ट्रेनों से सिर्फ उप्र और बिहार के लोगों को ही नहीं बल्कि पश्चिम बंगाल और मप्र के लोगों को भी काफी फायदा होगा।

भारतीय रेल के पूर्व मध्य रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ये होली स्पेशल ट्रेनें डिब्रूगढ़ से गोरखपुर, गोरखपुर से न्यू जलपाईगुड़ी, न्यू जलपाईगुड़ी से गोरखपुर, पटना से डॉ। अम्बेडकर नगर, गोरखपुर से डिब्रूगढ़ तक चलाई जाएगी। पूर्व मध्य रेलवे ने इन सभी होली स्पेशल ट्रेनों की डीटेल्स शेयर की है।

डिब्रूगढ़-गोरखपुर होली स्पेशल ट्रेन

डिब्रूगढ़-गोरखपुर तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 05978, डिब्रूगढ़-गोरखपुर होली स्पेशल ट्रेन स्पेशल 2 और 9 मार्च को शाम 19.25 बजे डिब्रूगढ़ से प्रस्थान करेगी और दो दिन बाद सुबह 7.30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। ये होली स्पेशल ट्रेन हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बरौनी, कटिहार जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों के रास्ते चलाई जाएगी।

गोरखपुर-न्यू जलपाईगुड़ी होली स्पेशल ट्रेन

गोरखपुर से न्यू जलपाईगुड़ी तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 05777, गोरखपुर-न्यू जलपाईगुड़ी होली स्पेशल ट्रेन 4 और 11 मार्च को शाम 17.00 बजे गोरखपुर से प्रस्थान करेगी और अगले गिन सुबह 11.00 बजे न्यू जलपाईगुड़ी पहुंचेगी। ये होली स्पेशल ट्रेन हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बरौनी, कटिहार जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों के रास्ते चलाई जाएगी।

न्यू जलपाईगुड़ी-गोरखपुर होली स्पेशल ट्रेन

न्यू जलपाईगुड़ी से गोरखपुर तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 05778, न्यू जलपाईगुड़ी-गोरखपुर होली स्पेशल ट्रेन 6 और 13 मार्च को दोपहर 15.00 बजे न्यू जलपाईगुड़ी से प्रस्थान करेगी और अगले दिन सुबह 06.30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। ये होली स्पेशल ट्रेन हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बरौनी, कटिहार जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों के रास्ते चलाई जाएगी।

गोरखपुर-डिब्रूगढ़ होली स्पेशल ट्रेन

गोरखपुर से डिब्रूगढ़ तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 05977, गोरखपुर-डिब्रूगढ़ होली स्पेशल ट्रेन 7 और 14 मार्च को सुबह 07.50 बजे गोरखपुर से प्रस्थान करेगी और अगले दिन रात को 21.15 बजे डिब्रूगढ़ पहुंचेगी। ये होली स्पेशल ट्रेन हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, बरौनी, कटिहार जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों के रास्ते चलाई जाएगी।

डॉ.अम्बेडकर नगर-पटना सुपरफास्ट होली स्पेशल ट्रेन

डॉ. अम्बेडकर नगर से पटना तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 09343, डॉ. अम्बेडकर नगर-पटना सुपरफास्ट होली स्पेशल ट्रेन 3, 10 और 17 मार्च को सुबह 05.05 बजे डॉ. अम्बेडकर नगर से प्रस्थान करेगी और अगले दिन भोर में 04.00 बजे पटना पहुंचेगी। ये ट्रेन इंदौर, बीना, सतना, प्रयागराज छिवकी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते से चलाई जाएगी।

डॉ.अम्बेडकर नगर सुपरफास्ट होली स्पेशल ट्रेन

पटना से डॉ. अम्बेडकर नगर तक चलाई जाने वाली गाड़ी संख्या- 09344, पटना-डॉ. अम्बेडकर नगर सुपरफास्ट होली स्पेशल ट्रेन 4, 11 और 18 मार्च को सुबह 07.20 बजे पटना से प्रस्थान करेगी और अगले दिन सुबह 06.15 बजे डॉ. अम्बेडकर नगर पहुंचेगी। ये ट्रेन इंदौर, बीना, सतना, प्रयागराज छिवकी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते से चलाई जाएगी।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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