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उत्तर प्रदेश

भाजपा विधायक दीपक मिश्रा का विवादित बयान- चुनाव में मुझे मिले 10 करोड़ रुपए

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Controversial statement of BJP MLA Deepak Mishra

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देवरिया। उप्र के देवरिया जनपद के बरहज विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक दीपक मिश्रा उर्फ शाका बाबा का एक विवादित बयान वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में बीजेपी विधायक एक समारोह में खुले मंच से कह रहे हैं कि उत्तरी भारत का सबसे बड़ा माफिया डॉन बृजेश सिंह हमें पैसा देता है।

विधायक ने यह भी कहा देवरिया के बड़े बड़े उद्योगपति भी हमें पैसा देते हैं। चुनाव में मुझे 10 करोड़ रुपए मिले थे। इतना पैसा और वोट अभी तक किसी को नहीं मिला है। बताया जाता है कि विधायक ने यह बयान पिछले सप्ताह एक विद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था।

Controversial statement of BJP MLA Deepak Mishra

बरहज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक हैं दीपक मिश्र

बता दें कि दीपक मिश्रा ‘शाका’ देवरिया जिले के बरहज विधानसभा से भाजपा के विधायक हैं। उनके पिता स्व. दुर्गा प्रसाद मिश्र भी इसी विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक और प्रदेश में मंत्री रहे हैं। बीते विधानसभा चुनाव में दीपक मिश्र भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए।

जनता ने 10 रुपया करोड़ दिया

वायरल वीडियो में दीपक मिश्र मंच पर माइक लेकर कह रहे हैं कि 51 लाख रुपया मुझे उत्तरी भारत का सबसे बड़ा डॉन बृजेश सिंह दिया है। देवरिया का एक व्यापारी संजय कानोडिया मुझे 51 लाख रुपया देता है।

विधायक ने एक और व्यक्ति का नाम लेते हुए कहा कि वह मेरे लिए अपना खजाना खोल कर कहता है कि घटने ही नहीं दूंगा। हमसे क्या लड़ते हैं यह लोग। ऐसे ऐसे करके 10 करोड़ रुपए मुझे जनता ने दिया।

शाका अधिकारी के यहां नहीं जाते फोन से बात करते हैं

वीडियो में विधायक ने अभी कहा है बरहज के इतिहास में जितना वोट दिया कि उतना वोट उग्रसेन सिंह, यदुनंदन शुक्ला, दुर्गा मिश्रा, प्रेम प्रकाश सिंह,स्वामीनाथ, मोहन सिंह (सभी पूर्व विधायक व मंत्री रहे हैं) कोई नहीं पाया।

विधायक कहते हैं कि अगर कोई सरकारी मीटिंग न हो तो मुझे विकास भवन का भी पता नहीं है। शाका किसी अधिकारी के यहां नहीं जाते हैं। फोन से ही जो कहना है कहते हैं।

बयान का गलत अर्थ निकाल रहे हैं लोग

इस मामले में विधायक दीपक मिश्र ने कहा कि मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है। चुनाव के दौरान मुझे लोग कहते थे कि धनबलियों और बाहुबलियों से कैसे लड़ोगे? उन्ही बातों की चर्चा करते हुए मैंने कहा कि लोगों ने मुझे पैसा दिया और जनता ने मुझे वोट दिया। यहां की जनता का आशीर्वाद मेरे साथ है। मेरा चरित्र पाक साफ है। मेरे ऊपर अभी तक किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगा है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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