Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

नीतीश कुमार को कोई विषैला खाना दे रहा, ये तीन लक्षण इसके सबूत: जीतन राम मांझी का बड़ा दावा

Published

on

Nitish Kumar Jitan Ram Manjhi clash

Loading

पटना। बिहार विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतन राम मांझी के बीच जमकर नोंक झोंक हुई। नोंक झोंक ऐसी थी कि सीए नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे और जीतन राम मांझी को तू-तड़ाक तक कर दिया। वहीं अब नीतीश कुमार के बयान पर जीतन राम मांझी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने सीएम नीतीश को लेकर ऐसा दावा कर दिया है कि हर कोई हैरान है।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले तीन लक्षण बता रहे हैं कि उनकी मानसिक स्थिति सही नहीं है। उन्हें कोई विषैला पदार्थ खिला रहा है।

उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो यह कि नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी के पिता महावीर चौधरी पर माल्यार्पण करने की जगह अशोक चौधरी पर ही माल्यार्पण कर दिया। दूसरा उन्होंने महिलाओं के बारे में जो घटिया बयान दिया वह तो हद ही हो गई। उसके बाद गुरुवार को जिस तरह से उन्होंने मुझे जलील किया वे साबित करते हैं कि कहीं न कहीं नीतीश कुमार को विषैला खाना खिलाया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष को भी बताया दोषी

जीतन राम मांझी ने कहा विधानसभा अध्यक्ष कभी विधानसभा के अभिरक्षक हुआ करते हैं। लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि सदन के अध्यक्ष(अवध बिहारी चौधरी) सत्ता पक्ष के पक्ष में अपना सारा निर्णय दे रहे हैं, जो इस संविधान और जनतंत्र के लिए घातक है। मुख्यमंत्री(नीतीश कुमार) तो दोषी हैं ही लेकिन हमारे अध्यक्ष भी उनसे कम दोषी नहीं हैं।

सड़क से सदन तक किया आंदोलन का ऐलान

नीतीश कुमार द्वारा अपमान किए जाने के बाद जीतन राम मांझी ने सड़क से सदन तक आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह राज्यपाल से पहले मिलेंगे। इसके बाद वह राष्ट्रपति से भी मिलेंगे। वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि कल राज्यपाल से मिलने हमलोग जाएंगे। जब तक नीतीश तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते आंदोलन जारी रहेगा।

Continue Reading

प्रादेशिक

उपमा ने धूमधाम से मनाया अपना 7वां वार्षिक अधिवेशन

Published

on

Loading

लखनऊ। माइक्रो फाइनैन्स एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (उपमा ) द्वारा लखनऊ के स्थानीय होटल ताज महल मे माइक्रो फाइनैन्स संस्थाओं का भव्य 7वां वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। देश के कोने कोने से पधारे वित्तीय विशेषज्ञों ने प्रदेश की अर्थ व्यस्था को बढ़ावा देने हेतु परिचर्चा में भाग लिया । अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य था *एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी को बढ़ावा देने हेतु माइक्रोफाइनेंस कंपनियों के योगदान पर आधारित अध्ययन रिपोर्ट जारी करना और एक सतत एवं विश्वसनीय माइक्रो फाइनेंस मॉडल विकसित करना।*

आज के अधिवेशन के मुख्य अतिथि श्री असीम अरुण माननीय राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश सरकार तथा मुख्य वक्ता के रूप में श्री दिनेश खारा पूर्व चेयरमैन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और माइक्रोफाइनेंस के भीष्मपितामह कहे जाने वाले श्री विजय महाजन थे ।

मुख्य अतिथि श्री असीम अरुण ने अधिवेशन का उद्घाटन किया तथा माइक्रो फाइनैन्स संस्थाओं द्वारा अर्थ व्यवस्था को बढ़ावा देने हेतु दिए जा रहे सहयोग और उनके योगदान द्वारा महिलाओं के जीवन स्तर मे हो रहे सुधार पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि उपमा संस्था ने एक ऐसे महत्वपूर्ण विषय पर सम्मलेन आयोजित किया है जो कि राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री दिनेश खारा पूर्व चेयरमैन स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने उपमा के 11 वें स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि सम्मलेन में परिचर्चा के उपरांत एक ऐसी कार्य योजना बनेगी जो राज्य के विकास मे सहयोगी होगी तथा एक खरब डॉलर अर्थ व्यवस्था के लक्ष्य को पूर्ण करने में एक अहम् भूमिका निभायेगी।

समारोह के दूसरे मुख्य वक्ता तथा माइक्रो फाइनेंस के विशेषज्ञ श्री विजय महाजन ने बताया कि माइक्रो फाइनैन्स के जरिये समाज के कमजोर वर्ग विशेषकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु उन्हें रोज़गार परक ऋण उपलब्ध कराया जाता है
उन्होंने आगे कहा कि किस तरह से माइक्रोफाइनांस राज्य की अर्थ व्यवस्था में तथा ग्रामीण क्षेत्र मे रोजगार सृजन कर बेरोजगारी की समस्या को दूर करने मे सहयोग प्रदान कर सकता है।

उत्कर्ष बैंक के एमडी श्री गोविंद सिंह ने माइक्रो फाइनेंस द्वारा रोजगार सृजन और कमजोर वर्ग की आय में वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक भारत का लघु वित्तीय बैंक है हमारे ऋण ग्रामीण या अविकसित इलाकों की महिलाओं या छोटे कारोबारियों के लिए होते हैं. वहां हम अपनी विभिन्न वित्तीय सेवाओं द्वारा इस वर्ग को वित्तीय समृद्धि से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं ।

इस अवसर पर माइक्रो फाइनेंस के स्वतः नियामक संस्था साधन के प्रमुख श्री जी जी मेमन सहित इस कॉन्फ्रेंस में शैक्षिक संस्थाओं के रिसर्च स्कॉलर, अनेक वित्तीय विशेषज्ञ, माइक्रो फाइनांस कंपनी के सीईओ के साथ साथ नाबार्ड, आरबीआई तथा सिडबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने अपने विचार रखे । सिड़बी के तहत नाबार्ड माइक्रो फाइनैन्स संस्थाओं को समाज के कमजोर वर्ग के लिए रोज़गार परक ऋण उपलब्ध करने मे आर्थिक मदद करता है।

उपमा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर सिन्हा ने बताया कि माइक्रोफाइनेंस जिसे माइक्रो क्रेडिट भी कहा जाता है, एक प्रकार की बैंकिंग सेवा है जो कम आय वाले व्यक्तियों या समूहों को प्रदान की जाती है माइक्रो फाइनैन्स एसोसिएशन ऑफ उत्तर प्रदेश (उपमा) प्रदेश मे माइक्रो फाइनेंस के क्षेत्र में कार्यरत लगभग 30 संस्थाओं का एक संगठन है जो माइक्रो फाइनैन्स संस्थाओं को क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण तथा पॉलिसी एडवोकेसी मे मदद करता है। संस्था प्रति वर्ष अपना वार्षिक सम्मेलन आयोजित करती है संस्था इस वर्ष अपनी स्थापना के 11 वर्ष पूरे कर रही है जब कि यह इसका 7वां अधिवेशन है।

समारोह में पांच सत्रों के दौरान विभिन्न विषयों जैसे व्यक्तिगत डाटा प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत माइक्रो फाइनैन्स संस्थाओं की तैयारी तथा माइक्रो फाइनैन्स एक सामाजिक उपयोगिता पर परिचर्चा हुई। परिचर्चा मे मुंबई से आए जना बैंक के सलाहकार, प्रख्यात लेखक श्री तमाल बंद्योपाध्याय, उत्कर्ष बैंक के एमडी श्री गोविंद सिंह, क्रेडिट एक्सेस के एमडी श्री उदय कुमार, वीएफएस कैपिटल के एमडी श्री कुलदीप मैती, कैशपोर के एमडी मुकुल जयसवाल, सोनाटा फाइनैन्स के एमडी श्री अनूप सिंह, सत्या माइक्रोकैपिटल के एमडी श्री विवेक तिवारी, तथा पहल फाइनैन्स की एमडी सुश्री पूर्वी भवसार ने भाग लिया। इस अवसर पर विभिन्न कंपनियों से आए हुए लगभग 250 प्रतिनिधि मौजूद रहे।

मीडिया से सम्बंधित जानकारी हेतु कृपया संपर्क करें :
प्रमिल द्विवेदी मो 9839172462

Continue Reading

Trending