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उत्तर प्रदेश

लखनऊ: कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए अवैध कॉलोनी के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई फिर शुरू

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लखनऊ। सपा सरकार में पर्यावरण संरक्षण के मानकों को दरकिनार कर भूमाफिया द्वारा कुकरैल नदी व बंधे के बीच बसाई गई अकबरनगर की अवैध कॉलोनी में योगी सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। सपा काल में संरक्षण प्राप्त भूमाफिया ने सरकार से सांठगांठ कर वर्ष 2012 से 17 के बीच कुकरैल नदी और बंधे के बीच बहुमंजिला इमारतें एवं बड़े-बड़े शोरूम खड़े कर दिये थे। इतना ही नहीं भूमाफिया ने कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर अवैध काॅलोनियां बसा दीं, जबकि इस क्षेत्र में रिहायशी एवं व्यवसायिक निर्माण नहीं हो सकता। ऐसे में मरती हुई नदी को जिंदा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। कोर्ट ने भी अवैध निर्माण को लेकर योगी सरकार की कार्रवाई को सही माना है। इस पर एक बार फिर योगी सरकार ने अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तेज कर दी है। इसके साथ ही यहां पर पर्यावरण संरक्षण के मानकों के आधार पर क्षेत्र को विकसित करने और कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने कदम बढ़ा दिया है।

कोर्ट ने भी माना अकबरनगर में बसाई गई अवैध बस्ती , योगी सरकार की कार्रवाई सही

योगी सरकार लगातार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भूमाफिया और अतिक्रमण के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। सरकार की इस मुहिम को प्रदेशवासियों के साथ पूरी दुनिया में सराहना मिल रही है। इसी के तहत योगी सरकार ने कुकरैल नदी और बंधे के बीच बसाए गए अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई का नया चरण सोमवार से शुरू कर दिया है। बता दें कि सपा सरकार ने अपने शासनकाल में पर्यावरण चिंताओं को दरकिनार कर अपने पोषित भूमाफियाओं को कुकरैल नदी पर अवैध निर्माण की अनुमति दी थी। इन्होंने यहां पर सपा सरकार की शह और सांठगांठ से बहुमंजिला इमारतें, घर और शोरूम बना दिये। आज इन पर करोड़पतियों का कब्जा है। सपा सरकार के इस कृत्य से कुकरैल नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया। ऐसे में योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत यहां पर अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके। साथ ही कुकरैल नदी को पुनर्जीवित किया जा सके। योगी सरकार के एक्शन से घबराए भूमाफिया और करोड़पतियों ने कोर्ट में गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर गुमराह करने की कोशिश की। इस पर योगी सरकार ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में भूमाफिया के झूठ का पर्दाफाश किया। करोड़पति कब्जेदारों ने कोर्ट में खुद को झुग्गीवासी बताया था। इस पर एलडीए ने कोर्ट में 73 करोड़पति कब्जेदारों की सूची सौंपी, जिनका सालाना करोड़ों का टर्नओवर था। इसे देख कोर्ट ने करोड़पति कब्जेदारों को झुग्गीवासी नहीं माना। इसके साथ ही इन्होंने योगी सरकार द्वारा अवैध निर्माण को लेकर की जा रही कार्रवाई को सही माना। कोर्ट ने माना कि अकबरनगर में अवैध बस्ती को बसाया गया है, जिसे हटाना जरूरी है।

भूमाफियाओं ने लूटी गरीबों की गाढ़ी कमाई, योगी सरकार ने गरीब परिवारों का कराया पुनर्वास

योगी सरकार ने दिसंबर 2023 में कुकरैल नदी और बंधे के मध्य में बसाए गए अकबरनगर में बने अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई शुरू की। इस दौरान भूमाफिया के इशारे पर अतिक्रमणकारियों ने खूब विरोध किया। इसके बाद भी योगी सरकार अपने फैसले पर अडिग रही और कार्रवाई जारी रही। मालूम हो कि योगी सरकार ने नवंबर 2023 में कुकरैल नदी और बंधे के मध्य बसे अकबरनगर प्रथम और द्वितीय के 1068 अवैध आवासीय और 101 व्यावसायिक निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। सपा सरकार में भूमाफिया के हौसले इस कदर बुलंद थे कि इन्होंने शहर के भोले-भाले और गरीबों को भी ठगने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन्होंने अवैध बस्ती बसा कर गरीबों की गाढ़ी कमाई लूट ली। वहीं योगी सरकार लगातार प्रदेश की गरीब जनता जनार्दन और जरूरतमंदों के साथ मजबूत से खड़ी है। यही वजह है कि सरकार के आदेश पर अकबरनगर में अवैध निर्माण को हटाने से पहले अधिकारियों ने हर गरीब परिवार से संवाद किया था। इस दौरान सभी गरीब परिवार का पुनर्वास कराते हुए करीब दो हजार लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटित किये गये।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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