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उत्तर प्रदेश

त्रेता युग का अनुभव कराएंगे संस्कृति विभाग के मंच

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अयोध्या: दीपोत्सव 2024 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है और रामनगरी अयोध्या में भव्य आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष, दीपोत्सव का आठवां संस्करण पहले से भी अधिक भव्य और अद्वितीय होने जा रहा है। योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या को त्रेता युग के स्वरूप में ढालने का प्रयास जारी है, जिससे भगवान श्रीराम के समय की पवित्रता और आध्यात्मिकता का अनुभव कराया जा सके। राम की पैड़ी, जहां लाखों दीप जलाए जाएंगे, को विस्तार देने का काम चल रहा है और नगर को पूरी तरह से सजाया और संवारा जा रहा है।

आधुनिक तकनीक से सुसज्जित मंच और भव्य प्रदर्शनी

संस्कृति विभाग द्वारा दीपोत्सव के लिए 10 बड़े सांस्कृतिक मंचों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें तीन बड़े और सात छोटे मंच शामिल हैं। इन मंचों पर आधुनिक तकनीक के सहारे त्रेता युग की झलकियों को प्रदर्शित किया जाएगा। रामकथा पार्क में एक विशाल प्रदर्शनी का आयोजन होगा, जो रामायण के विभिन्न प्रसंगों को आधुनिक तकनीकी माध्यमों से जीवंत करेगी। इस प्रदर्शनी में श्रद्धालु त्रेता युग का अनुभव कर सकेंगे और रामायण के महत्वपूर्ण पलों को करीब से देख पाएंगे।

मठ-मंदिरों की सजावट और सफाई का विशेष ध्यान

दीपोत्सव के भव्य आयोजन के लिए अयोध्या नगर निगम और संस्कृति विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। नगर निगम शहर की साफ-सफाई और पेंटिंग का कार्य कर रहा है, जबकि संस्कृति विभाग मठों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों को सजाने-संवारने में जुटा हुआ है। मठ-मंदिरों की सजावट के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं, ताकि श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक और भव्य वातावरण का अनुभव हो।

अयोध्या-लखनऊ मार्ग का नवीनीकरण

इस वर्ष, दीपोत्सव से पहले अयोध्या को राजधानी लखनऊ से जोड़ने वाले गोरखपुर-लखनऊ रोड को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। इस मार्ग पर रामायण से जुड़े प्रसंगों की जीवंत झलकियां प्रस्तुत की जाएंगी। मार्ग के दोनों ओर रामायण के महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को चित्रित करने की योजना बनाई गई है, जिससे दीपोत्सव की पवित्रता और महत्ता को बढ़ाया जा सके।

दीपोत्सव की तिथियां और कार्यक्रम

दीपोत्सव 2024 के कार्यक्रम 28 से 30 अक्टूबर तक आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान अयोध्या के प्रमुख स्थलों पर दीपों की जगमगाहट के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम होगी। मुख्य आयोजन स्थल राम की पैड़ी को भव्य रूप से सजाया जाएगा और यहां लाखों दीप जलाए जाएंगे।

कहां-कहां बनेंगे सांस्कृतिक मंच

संस्कृति विभाग ने पूरे शहर में 10 सांस्कृतिक मंच बनाने की योजना बनाई है, जिनमें प्रमुख स्थान निम्नलिखित हैं:

रामकथा पार्क: यहां आधुनिक तकनीकी आधारित प्रदर्शनी का आयोजन होगा।
गुप्तार घाट: यहां बड़े सांस्कृतिक मंच का निर्माण किया जाएगा।
बड़ी देवकाली: यहां भी एक प्रमुख मंच बनेगा।
नया घाट: यहां दीपोत्सव के दौरान सबसे बड़ा मंच होगा।
रामघाट: सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
बिड़ला धर्मशाला, भरतकुंड, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल, नाका हनुमानगढ़ी, बस अड्‌डा बाईपास, और धर्मपथ में भी छोटे-छोटे मंच बनाए जाएंगे।

अयोध्या को त्रेता युग का रूप देने की तैयारी

दीपोत्सव 2024 का आयोजन भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद पहली बार हो रहा है, जिससे इस पर्व की महत्ता और भी बढ़ गई है। योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या को त्रेता युग के स्वरूप में ढालने का प्रयास हो रहा है। रामनगरी को सजाने और संवारने का काम दिन-रात जारी है, ताकि इस आयोजन को अद्वितीय और यादगार बनाया जा सके।

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उत्तर प्रदेश

भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री ने जलाए श्रद्धा के दीप

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अयोध्या|  22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।

रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।

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