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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी के नेतृत्व में स्पोर्ट्स हब के रूप में उभर रहा उत्तर प्रदेश

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व व निर्देशन में उत्तर प्रदेश खेल के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा को निखार रहा है। सीएम योगी के प्रयासों से आज प्रदेश स्पोर्ट हब के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में खेल के मैदान विकसित कर योगी सरकार खेल के क्षेत्र में युवा प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रही है। पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 18 हजार से अधिक खेल के मैदान विकसित किए जा चुके हैं। योगी सरकार प्रदेश के अंदर सभी 57 हजार ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान और ओपन जिम, सभी 826 विकासखंड में मिनी स्टेडियम और सभी जनपदों में स्टेडियम के निर्माण के लक्ष्य के साथ लगातार आगे बढ़ रही है।

योगी सरकार ने प्रदेश में बदला खेल का माहौल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से आज प्रदेश के अंदर खेल का माहौल बदला है। खिलाड़ियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही योगी सरकार द्वारा पिछले साढ़े सात वर्षों में खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए जो नियोजित प्रयास हुए हैं, उसका परिणाम आज सबके सामने है। प्रदेश में आज विश्वविद्यालय स्तर पर लीग और गांव स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं शुरू हो चुकी है, जिसने खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का प्लेटफार्म प्रदान किया है। इसके साथ ही प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों को तैयार किया गया है।

खेल संसाधनों से लैस हो रहा है उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने खिलाड़ियों के लिए समुचित अवसंरचना तैयार की है। प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, आज उत्तर प्रदेश में 84 स्टेडियम, 67 बहुद्देश्यीय हॉल, 38 तरणताल, 15 सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम और 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक तैयार हैं। इसके अलावा 2 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, 16 छात्रावास, 47 अत्याधुनिक जिम, 20 सिंथेटिक टेनिस कोर्ट और 19 डॉरमेट्री खिलाड़ियों के लिए तैयार किए जा चुके हैं। वहीं प्रदेश में 2 जूडो हॉल, 13 कुश्ती हॉल, 6 शूटिंग रेंज, 2 इंडोर वॉलीबाल, 12 वेटलिफ्टिंग हॉल, 14 सिंथेटिक बॉस्केट बॉल कोर्ट प्रदेश के अंदर बनकर तैयार हुए हैं। खेल और खिलाड़ियों के प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार बड़े लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतिभाओं को मिल रहा बढ़ावा

ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे के निर्माण और उन्नयन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता न केवल एथलीटों को सशक्त बना रही है बल्कि शहरी और ग्रामीण विभाजन को पाटने के साथ समुदायों के कल्याण को भी बढ़ावा दे रही है। योगी सरकार प्रदेश के अंदर सभी 57 हजार ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान और ओपन जिम, सभी 826 विकासखंड में मिनी स्टेडियम और सभी जनपदों में स्टेडियम के निर्माण के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर खिलाड़ियों के लिए खेल के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे गांवों में नई प्रतिभाएं तो निखर ही रही है ,साथ ही मनरेगा के तहत इन मैदान का निर्माण होने की वजह से श्रमिकों को निरंतर रोजगार भी मिल रहा है। इस पहल का उद्देश्य बेहतर स्वास्थ्य और गांवों के समग्र सामुदायिक विकास के लिए स्कूली छात्रों और गांव के अन्य सदस्यों के बीच खेलों को प्रोत्साहित करना है।

प्रदेश के गांवों में बने 18 हजार से ज्यादा खेल के मैदान

2017-18 से अब तक 18 हजार से ज्य़ादा खेल मैदान बनाये जा चुके हैं। ग्राम्य विकास विभाग की ओर से बनाई गई कार्य योजना से खेल मैदानों का निर्माण हो रहा है। 2017 से प्रदेश में लगातार खेल मैदानों का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2700 से ज्यादा खेल मैदानों का निर्माण किया जा चुका है जबकि 15 हजार से ज्यादा मैदानों के निर्माण का कार्य प्रगति पर है।

गांवों में निर्मित खेल मैदानों की वर्षवार रिपोर्ट

वर्ष 2017-18 में 375
वर्ष 2018-19 में 370
वर्ष 2019-20 में 708
वर्ष 2020-21 में 1706
वर्ष 2021-22 में 2288
वर्ष 2022-23 में 4893
वर्ष 2023-24 में 5015
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2703 खेल मैदान पूर्ण किये जा चुके हैं।

खेल मैदान से फिजकल फिटनेस के साथ चमक रहा गांव का भविष्य

ग्रामीण क्षेत्र में खेल मैदान विकसित होने से युवाओं में खेल के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। खेलकूद से युवाओं की शारीरिक दक्षता में भी सुधार हो रहा है। खेल मैदान बनने से गांव का भविष्य चमक रहा है, ऐसे युवा जो इस क्षेत्र में प्रतिभाशाली हैं और गांवों में सुविधाओं के अभाव में उनकी प्रतिभा निखर नहीं पा रही थी, ऐसे में खेल मैदान विकसित होने से युवाओं के अंदर की प्रतिभा निखर रही है और वह आगे बढ़कर विभिन्न खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। ग्रामीण इलाकों में बन रहे खेल के मैदानों में रनिंग ट्रैक बनने से युवा आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स, पुलिस, सीआरपीएफ इत्यादि की तैयारी अपने गांव में ही रहकर कर रहे हैं। खेल मैदान बनने से गांव के युवक मैदान में ही दौड़ लगाने के साथ शारीरिक अभ्यास करने में भी मदद मिल रही है। प्रतियोगी छात्रों की सुरक्षा के साथ उनकी शारीरिक दक्षता बढ़ रही है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”

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प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

मिले सार्थक परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।

लोगों को करेंगे जागरूक

कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।

04 श्रेणियों में होगा चयन

1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार

ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड

इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।

जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।

इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।

कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही

1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।

2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।

3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।

4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।

5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।

6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।

फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार

उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।

जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।

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