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उत्तर प्रदेश

यूपी में पर्यटन के साथ हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में भी बूम, बढ़े रोजगार के अवसर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पर्यटन के साथ हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भी बूम पर है। हॉस्पिटैलिटी और इससे जुड़े सेक्टर्स में लगातार रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। पर्यटकों की बढ़ती संख्या के नाते स्वाभाविक रूप से उत्तर प्रदेश सर्वाधिक लाभान्वित राज्य है।

ग्लोबल हायरिंग इनडीड की एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की रिक्तियों में 50 फीसद की वृद्धि देखी गई। अगले कुछ वर्षों तक इसमें 24 फीसद तक की और वृद्धि संभव है। इसका स्वाभाविक लाभ अयोध्या, वाराणसी, ब्रज और जेवर आदि और इनके आसपास के शहरों को मिलेगा। मसलन, राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद से ही अयोध्या हॉस्पिटैलिटी सेक्टर का पसंदीदा स्थल बन कर उभरा है।

कई नामचीन ब्रांड वहां होटल बनाने को लालायित हैं। ताज सहित दो दर्जन से अधिक होटलों के निर्माण को मंजूरी मिल चुकी है। स्थानीय होटल भी अपनी क्षमता के अनुसार अपनी प्रॉपर्टी के विस्तार और बेहतरी में लगे हैं। अयोध्या तो इसका उदाहरण मात्र है। पर्यटकों की पसंद की अन्य जगहों पर भी कमोबेश यही स्थित है। एशिया का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी तेजी से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के पसंदीदा स्थल के रूप में उभरा है।

सीएम योगी की मंशा पर्यटन को जन उद्योग बनाने की

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा तो पर्यटन को स्थानीय लोगों से जोड़कर इसे जन उद्योग बनाने की है। इसीलिए वह प्रयागराज के महाकुंभ और मकर संक्रांति से लेकर करीब महीने भर तक गोरखनाथ मंदिर परिसर में चलने वाले खिचड़ी मेले तथा ऐसे ही अन्य अवसरों के लिए कह चुके हैं कि स्थानीय लोग पर्यटकों, श्रद्धालुओं की सेवा सत्कार से इसे ब्रांड बनाएं। सरकार अपनी ओर से इस बाबत जो संभव है, वह कर रही है।

इंडस्ट्री के लिए कुछ और छूट देने का विचार कर रही सरकार

प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म के सेक्टर में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए योगी सरकार अयोध्या, लखनऊ, वाराणसी सहित प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में होटल्स के निर्माण में कुछ और छूट देने की भी सोच रही है। जगह के मानकों को लेकर कुछ छूट दी भी गई है। होम स्टे को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

क्या कहते हैं इंडस्ट्री के लोग

आईटीसी मौर्या नई दिल्ली में वैंक्वेट मैनेजर रहे भव्य मल्होत्रा के मुताबिक प्रति कमरा, तीन सर्विस प्रोवाइडर किसी अच्छे होटल के लिए आदर्श स्थिति होती है। इसमें फ्रंट ऑफिस, हाउस कीपिंग, फूड एंड बेवरेज, लाउंड्री, फाइनेंस, एचआर, हॉर्टिकल्चर, सेल्स आदि विभाग होते हैं। अगर प्रॉपर्टी छोटी है तो कुछ विभाग न होने से सर्विस प्रोवाइडर्स की संख्या कुछ कम हो सकती है। पर, प्रति कमरा दो कर्मचारी तो होने ही चाहिए। इससे कम होने पर आप अपने ग्राहकों को संतोषजनक सेवा नहीं दे पाएंगे।

हॉस्पिटैलिटी के साथ इससे जुड़े सेक्टर्स की भी चांदी

पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने का लाभ होटल इंडस्ट्री के अलावा इससे जुड़े एविएशन, रेलवे, सड़क परिवहन निगम और लाजिस्टिक्स से जुड़े सेक्टर्स और स्थानीय लोगों को भी होगा। वहां के खास उत्पाद की खरीद होने पर स्थानीय कला या उत्पाद को व्यापक पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री की सबसे पसंदीदा योजना ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) की अपने आप ब्रांडिंग हो जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ की वेबसाइट पर आए 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा यूजर्स

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महाकुम्भ नगर। मानवता की अमूर्त विरासत के रूप में प्रसिद्ध सनातन संस्कृति के सबसे बड़े मानव समागम महाकुम्भ 2025 को लेकर सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लोगों में जिज्ञासा है। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट्स और पोर्टल के जरिए महाकुम्भ के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं। इस जिज्ञासा का सबसे बड़ा समाधान उन्हें महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट https://kumbh.gov.in/ पर आकर मिल रहा है। वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार 4 जनवरी तक 183 देशों के 33 लाख से ज्यादा लोगों ने वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के विषय में जानकारी हासिल की है। इन देशों में यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका समेत सभी कांटिनेंट्स के लोग शामिल हैं।

प्रतिदिन लाखों यूजर्स आ रहे वेबसाइट पर

महाकुम्भ की वेबसाइट को हैंडल कर रही टेक्निकल टीम के प्रतिनिधि के अनुसार 4 जनवरी तक के डाटा के अनुसार अब तक 33 लाख 5 हजार 667 यूजर्स वेबसाइट पर आ चुके हैं। ये सभी यूजर्स भारत समेत पूरी दुनिया के 183 देशों से है। इन 183 देशों में से भी 6206 शहरों से वेबसाइट पर लोग आए हैं और उन्होंने यहां काफी समय भी बिताया है। वेबसाइट पर आने वाले टॉप-5 देशों की बात करें तो पहला नंबर निश्चित रूप से भारत का है, जबकि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी से भी लाखों लोग प्रतिदिन वेबसाइट पर आकर महाकुम्भ के बारे में जानकारियां जुटा रहे हैं। टेक्निकल टीम के अनुसार वेबसाइट के शुभारंभ के बाद से बड़ी संख्या में लोग वेबसाइट पर आ रहे हैं। हालांकि, जैसे-जैसे महाकुम्भ करीब आ रहा है वैसे-वैसे यूजर्स की संख्या लाखों में पहुंचती जा रही है।

6 अक्टूबर को सीएम योगी ने किया था वेबसाइट का शुभारंभ

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इस महाकुम्भ को डिजिटल महाकुम्भ के रूप में प्रस्तुत कर रही है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स बनाए गए हैं। इसी में एक महाकुम्भ की आधिकारिक वेबसाइट भी है, जिसका शुभारंभ 6 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां प्रयागराज में किया था। इस वेबसाइट पर श्रद्धालुओं के लिए महाकुम्भ से संबंधित सभी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें कुम्भ से जुड़ी परंपराओं, कुम्भ की महत्ता, आध्यात्मिक गुरुओं के साथ-साथ कुम्भ पर किए गए अध्ययन की विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। यही नहीं, महाकुम्भ के दौरान प्रमुख आकर्षण, प्रमुख स्नान पर्व, क्या करें-क्या नहीं और कलाकृतियों को विस्तार से बताया गया है। इसके अतिरिक्त ट्रैवल और स्टे, गैलरी, क्या नया हो रहा है समेत समूचे प्रयागराज के विषय में बताया गया है।

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