उत्तर प्रदेश
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने लगाई संगम में डुबकी, बोले- महाकुम्भ दे रहा दुनिया को एकता का संदेश
महाकुम्भनगर : महाकुम्भ में 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया। इस यात्रा में उन्होंने न केवल महाकुम्भ के धार्मिक महत्व को समझा बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को भी अनुभव किया। त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के बाद प्रतिनिधि दल ने समूचे महाकुम्भ क्षेत्र का दौरा किया। जिससे उन्हें इस विशाल धार्मिक आयोजन की व्यापकता साक्षात देखने को मिली। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने दुनिया के इस सबसे बड़े आयोजन के भव्य इंतजाम के लिए योगी सरकार की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ दुनिया को एकता का संदेश दे रहा है। भारतीय संस्कृति को देखने और समझने के लिए सभी देशों के लोगों को यहां महाकुम्भनगर जरूर आना चाहिए।
संयुक्त अरब अमीरात की प्रतिनिधि बोली-एकता का प्रतीक है महाकुम्भ
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की प्रतिनिधि सैली एल अजाब ने कहा कि वो मध्य पूर्व से भारत आई हैं। यह एक अद्भुत क्षण है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। यहां सब कुछ पूरी तरह से व्यवस्थित है। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता की तारीफ करते हुए बताया कि यह आयोजन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को एकता का संदेश दे रहा है। उन्हें यहां करोड़ों श्रद्धालुओं और उनकी विधिवत सुरक्षा व्यवस्था को देखकर भारतीय संस्कृति की महानता का अहसास हुआ।
संतों के विचारों से प्रभावित हुए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि, भारतीय परंपराओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त की
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दल ने महाकुम्भ के दौरान विभिन्न अखाड़ों का भ्रमण किया। यहां उन्होंने साधु-संतों से मुलाकात की और महाकुम्भ के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जाना। साधु-संतों ने महाकुम्भ की प्राचीन परंपराओं, अखाड़ों की भूमिका और भारतीय संस्कृति की महिमा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि संतों के विचारों से गहरे प्रभावित हुए और उन्होंने भारतीय धार्मिक परंपराओं के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
महाकुम्भ ने सिखाया कि दुनियाभर के लोग इकट्ठे हो सकते हैं, भले ही उनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि अलग-अलग हो
महाकुम्भ का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भ में भी एकता का प्रतीक है। महाकुम्भ के दौरान 10 देशों के 21 प्रतिनिधियों ने इस आयोजन की भव्यता और उसकी वैश्विक पहचान को नजदीक से महसूस किया। महाकुम्भ ने दुनिया को यह संदेश दिया कि दुनिया के विभिन्न कोनों से लोग एकत्रित हो सकते हैं, भले ही उनकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि अलग-अलग क्यों न हो।
फिजी, गुयाना से लेकर दक्षिण अफ्रीका तक के प्रतिनिधि पहुंचे, भारतीय संस्कृति से हुए अभिभूत
महाकुम्भ में फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रतिनिधि पहुंचे हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दल ने महाकुम्भ का दौरा करके भारतीय संस्कृति की विविधता और धार्मिक एकता का अनुभव किया। सभी यहां की संस्कृति से अभिभूत नजर आए।उनके लिए यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा लेने का भी एक शुभ अवसर है।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ 2025 : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महाकुंभ के सारे आकड़ों को बताया फर्जी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला अपनी भव्यता से दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। करोड़ों की संख्या में लोग प्रयागराज जाकर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा रहे हैं। हालांकि, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब महाकुंभ के आंकड़ों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाकुंभ को लेकर कहा है कि सरकार का हर आंकड़ा फर्जी है।
क्या बोले अखिलेश यादव?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाकुंभ को लेकर बयान दिया है और सरकार के ऊपर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा कि सरकार का हर आंकड़ा फर्जी है। कुछ ट्रेनें खाली जा रही है। सुनने में ये भी आया है कि गोरखपुर वाली ट्रेन खाली गई है। मोटी-मोटी बात ये है कि भाजपा का हर आंकड़ा फर्जी है।
व्यापारी कानपुर छोड़कर जा रहे- अखिलेश
अखिलेश ने सरकार पर नोटबंदी से लेकर जीएसटी तक के लिए निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा- “याद कीजिए नोटबंदी में इन्होंने कहा था कि काला धन खत्म हो जाएगा। आज भ्रष्टाचार कितना बढ़ गया है। इस नोटबंदी के बाद जीएसटी आया, व्यापारियों का नुकसान हुआ, व्यापारी बरबाद हो गए। अब नयी लड़ाई सामने आई है कि कानपुर में सभी व्यापारी शहर छोड़कर जा रहे हैं।
जीएसटी वसूली और भ्रष्टाचार कारण- अखिलेश
अखिलेश ने कानपुर से कारोबार के जाने का ठीकरा जीएसटी पर फोड़ा है। अखिलेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने इन्वेस्टमेंट मीट कराया जिससे कोई भी फायदा नहीं हुआ, लेकिन जो कारोबारी पहले से थे, जिनका कारोबार चल रहा था वह कानपुर छोड़कर जा रहे हैं, लखनऊ छोड़कर जा रहे हैं। ये इनके जीएसटी वसूली और भ्रष्टाचार के कारण जा रहे हैं। जब ये खबरें और लोग जानेंगे तो जो यूपी में निवेश करने आने वाले थे वो भी नहीं आएंगे।
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