पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में नया विवाद सामने आया है। किडनी दान देकर पिता लालू प्रसाद की जान बचाने वाली रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया। अपने भावुक बयान में उन्होंने तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव और रमीज नेमत को इस स्थिति का जिम्मेदार ठहराया।
“मेरा कोई परिवार नहीं बचा”
रोहिणी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि उन्हें संजय यादव और रमीज नेमत ने राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने के लिए मजबूर किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह सारे दोष खुद पर ले रही हैं। राबड़ी देवी आवास के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए रोहिणी ने कहा,
“मेरा कोई परिवार नहीं है। संजय यादव, रमीज और तेजस्वी यादव से पूछिए इन्होंने ही मुझे परिवार से बाहर किया। जब भी आप संजय और रमीज का नाम लेते हैं तो आपको अपमानित किया जाता है, गाली दी जाती है, और चप्पल उठाकर मारने तक की नौबत आ जाती है।”
संजय यादव कौन हैं?
संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के निवासी हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में M.Sc और MBA किया हुआ है। राजनीति में आने से पहले वे एक निजी कंपनी में कार्यरत थे। डेटा एनालिसिस और राजनीतिक समीकरणों की समझ के लिए वे जाने जाते हैं। बताया जाता है कि उनकी तेजस्वी यादव से पहली मुलाकात दिल्ली में हुई थी, जिसके बाद वे उनके सबसे विश्वसनीय रणनीतिकारों में शामिल हो गए।
रमीज नेमत कौन हैं ?
रमीज नेमत का संबंध उत्तर प्रदेश से है और इस बार चुनाव में उन्होंने आरजेडी के वार रूम की कमान संभाली थी। वे यूपी के बलरामपुर के रहने वाले हैं और पूर्व सांसद रिज़वान जहीर के दामाद बताए जाते हैं। चुनावी रणनीति में उनकी सक्रिय भूमिका के कारण वे पार्टी के भीतर प्रभावशाली माने जाते हैं।