लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान शुक्रवार को सीएम योगी ने कहा कि कृषि कानूनों से किसानों को कोई दिक्कत नहीं है। किसान संगठन तो कई बार समर्थन कर चुके हैं। दिक्कत बिचौलियों को है, क्योंकि अब पैसा सीधे किसानों के खाते में जा रहा है।
बीते दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सपा सदस्य और नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी, शैलेंद्र यादव ललई, नरेंद्र वर्मा और वीरेंद्र यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस देकर सदन की कार्यवाही स्थगित कर कृषि कानूनों की वापसी के लिए आंदोलनरत किसानों के उत्पीड़न पर चर्चा कराने की मांग की। लेकिन जब उनकी मांग नहीं मानी गई तो सपा के सदस्य वॉकआउट कर गए। कांग्रेस के सदस्य भी किसानों के मुद्दे पर सदन से वॉकआउट कर गए।
सीएम ने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि समाजवादी पार्टी किस मुंह से किसानों, युवाओं और महिलाओं के बारे में बोलती है। ये लोग तो कभी भी इनकी बात सदन में नहीं करते हैं। किसी भी लोकतंत्र की शक्ति संवाद है। संवाद में सहमति और असहमति भी होगी, लेकिन सहमति तथा असहमति के मध्य समन्वय स्थापित करना ही तो लोकतंत्र का काम है।
जब देश गणतंत्र दिवस मना रहा था, उस दिन लाल किले पर तिरंगे का अपमान हुआ। देश के संवैधानिक प्रतीकों का असम्मान हुआ। क्या यह किसान आंदोलन की आड़ में देश की छवि को खराब करने की साजिश नहीं है? इसी कारण कोई भी स्वाभिमानी समाज इसको स्वीकार नहीं कर सकता है। सीएम योगी ने कहा कि अन्नदाता किसान को धोखा देकर दलाली करने वाले लोग आज जरूर इस बात को लेकर चिंतित हैं कि पैसा सीधे उनके (किसानों) खातों में क्यों जा रहा है। पर्ची भी किसानों के स्मार्ट फोन पर प्राप्त हो रही है।