नई दिल्ली। आज भी दुनिया में कई ऐसी कई रहस्यमयी चीजें मौजूद हैं जिसके बारे में जानकर वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका रहस्य वैज्ञानिक भी आज सुलझा नहीं सके हैं।
हम बात कर रहे हैं एक रहस्यमयी कुंड की जिसके बारे में कहा जाता है कि वैज्ञानिक भी इसकी गहराई आज तक पता नहीं लगा सके हैं। इस कुंड का नाम है भीम कुंड, जो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले करीब 70 किलोमीटर दूर बाजना गांव में स्थित है। नाम से ही पता चलता है कि ये रहस्यमयी कुंड महाभारत काल का है।
कुंड के बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि जब पांडव अज्ञातवास पर थे और इधर-उधर भटक रहे थे, तो उन्हें बहुत जोर की प्यास लगी, लेकिन उन्हें कहीं भी पानी नहीं मिला। तब भीम ने अपनी गदा से जमीन पर मारकर यह कुंड बनाया और अपनी प्यास बुझायी। कहते हैं कि 40-80 मीटर चौड़ा यह कुंड देखने में बिल्कुल एक गदा के जैसा है।
यह कुंड देखने में तो बिल्कुल साधारण सा लगता है, लेकिन इसकी खासियत आपको हैरान कर देगी। इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि जब भी एशियाई महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है, कुंड का पानी अपने आप बढ़ने लगता है।
कहते हैं कि इस रहस्यमयी कुंड की गहराई पता करने की कोशिश स्थानीय प्रशासन से लेकर विदेशी वैज्ञानिक और डिस्कवरी चैनल तक ने की है, लेकिन सबको निराशा ही हाथ लगी है।
कहा जाता है कि एक बार विदेशी वैज्ञानिकों ने कुंड की गहराई पता करने के लिए 200 मीटर पानी के अंदर तक कैमरा भेजा था, लेकिन फिर भी गहराई पता नहीं चल सकी।
इस कुंड के बारे में यह भी कहा जाता है कि इसका पानी गंगा की तरह बिल्कुल पवित्र है और यह कभी खराब नहीं होता, जबकि आमतौर पर ठहरा हुआ पानी धीरे-धीरे खराब होने लगता है।
आज भी वैज्ञानिकों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि कुंड की गहराई कितनी है और जब भी कोई प्रलय आने वाला होता है तो इस कुंड का जलस्तर क्यों बढ़ जाता है?