काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान ने पाकिस्तान सरकार और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बीच एक अस्थायी संघर्ष विराम की मध्यस्थता की है।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि संबंधित मुद्दों पर महत्वपूर्ण प्रगति के अलावा पाकिस्तान और TTP के बीच एक अस्थायी युद्धविराम पर भी सहमति हुई है। TTP ने भी इस बात की पुष्टि की है कि काबुल में बातचीत चल रही है और 30 मई को युद्धविराम लागू होने जा रहा है।
TTP और अफगानिस्तान तालिबान का क्या कनेक्शन?
TTP पाकिस्तान में 2007 के बाद से सबसे ज्यादा खूनी हमले करने में शामिल रहा है। TTP अफगानिस्तान तालिबान से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा हुआ है लेकिन उसके प्रति निष्ठा रखता है।
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भी TTP ने तालिबान की तारीफ की थी और उम्मीद जताई थी कि पाकिस्तान में भी जल्द ही ऐसा दिन आएगा।
TTP ने पाकिस्तान में तेज किए हमले
पाकिस्तान सेना के TTP के सफाए को लेकर कई ऑपरेशन चलाए और उसे सीमित करने में सफलता भी हासिल की लेकिन पाक सेना TTP के हमलों को पूरी तरह से रोकने में नाकाम रही है। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से TTP ने एक बार फिर पाकिस्तान में हमले तेज कर दिए हैं।
संघर्ष विराम को लेकर बातचीत रही थी विफल
पाकिस्तान का कहना है कि TTP पिछले कुछ सालों में अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाना खोजने में सक्षम रहा है हालांकि तालिबान और उससे पहले की अफगान सरकारों ने इस आरोप से इनकार किया है।
पिछले साल भी दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी लेकिन वार्ता विफल रही। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान सरकार द्वारा TTP कैदियों की रिहाई पर असहमति के कारण बातचीत विफल रही थी।