नई दिल्ली। विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नामांकन कर दिया है। इसे मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार समेत विपक्ष के कई नेता मौजूद रहे।
विपक्षी नेताओं में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, कांग्रेस के राज्यसभा में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और टीएमसी के सुधींद्र कुलकर्णी समेत कई नेता मौजूद थे।
बता दें, आज सुबह ही यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी को समर्थन करने वाली तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस के नेता भी पहुंचे थे। जम्मू कश्मीर से फारूक अब्दुल्ला भी इस मौके पर समर्थन जाहिर करने पहुंचे थे।
यशवंत सिन्हा सत्ताधारी एनडीए गठबंधन की ओर से उतारी गईं द्रौपदी मुर्मू को चुनौती देंगे। हालांकि द्रौपदी मुर्मू की जीत काफी हद तक तय मानी जा रही है। इसकी वजह यह है कि एनडीए बहुमत के आंकड़े से थोड़ी ही दूर है, जबकि वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल जैसी पार्टियों ने उनके समर्थन का ऐलान किया है। ऐसे में मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है।
सीपीएम की बंगाल यूनिट ने यशवंत के नाम पर जताई थी आपत्ति
बता दें कि विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर कई बार मंथन हुआ, उसके बाद यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लगी थी। हालांकि उन्हें लेकर मतभेद भी देखने को मिल रहे हैं, सीपीएम की बंगाल यूनिट ने उनके नाम का यह कहते हुए विरोध किया है कि वह भाजपा से जुड़े रहे हैं।
उनके नाम पर फैसले से पहले विपक्षी दलों और ममता बनर्जी ने शरद पवार से उम्मीदवार बनने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया था। उनके अलावा महात्मा गांधी के पौत्र ने भी इससे इनकार किया था। इसके चलते अंत में यशवंत सिन्हा के नाम पर ही सहमति बनी थी।