नई दिल्ली। राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर लग गई है। शरद पवार कि अध्यक्षता में विपक्षी दलों की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है। बैठक में यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे।
इससे पहले विपक्ष ने जिन तीन नामों शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी, को आगे किया था उन्होंने उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था। यशवंत सिन्हा ने पहले ही पार्टी से इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि समय आ गया है कि अब वह एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करें।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम सभी विपक्षी दलों ने मिलकर फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा हमारे उम्मीदवार होंगे। रमेश ने कहा कि यशवंत सिन्हा एक योग्य प्रत्याशी हैं।
उन्होंने कहा कि वह भारत की धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक तानेबाने को मानते हैं। हमें दुख है कि मोदी सरकार राष्ट्रपति उम्मीदवार पर एक राय बनाने के लिए गंभीर चर्चा नहीं कर सकी।
बता दें कि उनके राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने की चर्चा तभी से शुरू हो गई थी जब उन्होंने ममता बनर्जी को धन्यवाद देते हुए पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया।
जेडीयू का भी मिलेगा समर्थन?
जानकारों का कहना है कि यशवंत सिन्हा के नाम पर मुहर इसलिए लगाई गई क्योंकि बिहार से आने के कारण सिन्हा का समर्थन जेडीयू कर सकती है। दो बार ऐसा हो भी चुका है कि नीतीश कुमार ने लीक से हटकर उम्मीदवार का समर्थन किया है।
एनडीए का हिस्सा होते हुए भी उन्होंने प्रणव मुखर्जी का समर्थन किया था। वहीं पिछले चुनाव में उन्होंने रामनाथ कोविंद का समर्थन किया जबकि वह उस समय महागठबंधन का हिस्सा थे।