दुबई में कथित रूप से वेतन न मिलने के कारण फंसे झारखंड के 15 मजदूर जल्द ही अपने वतन लौटेंगे। इस बाबत जानकारी गुरुवार को राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। गिरिडीह, हजारीबाग और धनबाद जिलों से संबंधित इन मजदूरों ने वीडियो संदेश के माध्यम से झारखंड सरकार से घर वापसी की गुहार लगाई थी।
मुख्यमंत्री ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, जैसे ही यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में आया, उन्होंने श्रम विभाग और राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके बाद संबंधित विभागों ने विदेश मंत्रालय, भारत सरकार और अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क कर तत्काल राहत पहुंचाने का अनुरोध किया।
मजदूरों ने बयां की आपबीती
पीड़ित मजदूरों ने अपने संदेश में दावा किया कि उन्हें कई महीनों से वेतन नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि बार-बार गुहार लगाने के बावजूद कंपनी ने कोई मदद नहीं की। स्थिति यह हो गई है कि वे जहां रह रहे हैं, वहां बकाया किराया न देने की वजह से पानी की आपूर्ति भी बंद कर दी गई है।
भोजन-पानी की व्यवस्था, वेतन का आंशिक भुगतान
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने सभी मजदूरों के लिए भोजन, पानी और आवश्यक दैनिक सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित की। साथ ही कंपनी पर दबाव बनाकर अप्रैल माह के वेतन के रूप में कुल 5.55 लाख रुपये का भुगतान भी करवाया गया है।
जल्द होगी स्वदेश वापसी
विज्ञप्ति में बताया गया कि भारतीय दूतावास के हस्तक्षेप के बाद कंपनी के प्रतिनिधियों ने यह आश्वासन दिया है कि सभी मजदूरों का बकाया वेतन जल्द अदा किया जाएगा और उनकी भारत वापसी की व्यवस्था भी की जाएगी।
राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि सभी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और उनके हक का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।