कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर ओडिशा के बड़बिल शहर में कारो नदी के तट पर पारंपरिक बोईत बंदाण उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। ओड़िशा की प्राचीन समुद्री व्यापार परंपरा को जीवंत करने वाले इस ऐतिहासिक पर्व में श्रद्धालुओं और दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
सुबह से ही कारोबाकी घाट पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। रंग-बिरंगी नावों से सजी नदी का नजारा मनमोहक दिखा। पुरुष, महिलाएं और बच्चे पारंपरिक परिधानों में उत्सव में शामिल हुए। आयोजन की जिम्मेदारी स्थानीय सांस्कृतिक संस्था ‘कला-कल्पना’ ने संभाली, जिसने नावों की प्रदर्शनी और विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दी।नाव प्रतियोगिता में सतरूपा मोहंती ने प्रथम, उशाशीप्रिय राणा ने द्वितीय, किरण बाला साहू ने तृतीय, देवी प्रसाद साहू ने चतुर्थ और ललिता बिरुआ ने पंचम स्थान हासिल किया। विजेताओं को प्रमाणपत्र और नकद पुरस्कार प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में तहसीलदार राकेश कुमार पंडा, नगर पालिका अधिकारी रमेश चंद्र नाएक, फॉरेस्ट रेंज अधिकारी संजीव कुमार साहू, सांसद प्रतिनिधि नीलमणि महांत, चंद्रगुप्त प्रसाद और भाजपा नगर अध्यक्ष परिमल चटर्जी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
आयोजन समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए नाश्ता, चाय और पेयजल की व्यवस्था की गई। नदी पार करने के लिए बनाया गया बांस का पुल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा। वहीं, ओड़िया सांस्कृतिक संगठन ‘निलाद्रि’ द्वारा निर्मित विशाल नाव को पारंपरिक ढंग से नदी में प्रवाहित किया गया, जिसे देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं।
विभिन्न समुदायों की उत्साहपूर्ण भागीदारी ने इस आयोजन को सामाजिक एकता और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक बना दिया। कारो नदी की लहरों पर तैरती रंगीन नावों ने ओड़िशा की गौरवशाली समुद्री परंपरा को एक बार फिर जीवंत कर दिया।