मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को 31 महीने बाद कासगंज जेल से शुक्रवार शाम रिहा हो गए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 मार्च को दी गई अंतरिम जमानत के 15 दिन बाद आदेश जेल प्रशासन तक पहुंचा, जिसके बाद उनकी रिहाई संभव हो पाई। अब्बास अंसारी मऊ सदर सीट से विधायक हैं।
अब्बास अंसारी को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और गैंगस्टर एक्ट के तहत नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया था। पहले उन्हें चित्रकूट जेल भेजा गया, लेकिन सुरक्षा कारणों से फरवरी 2023 में कासगंज जेल ट्रांसफर कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट की शर्तें
सुप्रीम कोर्ट अब्बास अंसारी को अंतरिम जमानत देते हुए कई शर्तें लगाई हैं जिसका पालन अब्बास अंसारी को करना पड़ेगा। कोर्ट के आदेश के अनुसार, अब्बास अंसारी लखनऊ में ही रहना होगा। उत्तर प्रदेश से बाहर जाने के लिए कोर्ट और प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। उनकी हर गतिविधि पर पुलिस नजर रखेगी और छह सप्ताह में रिपोर्ट देनी होगी।
अब्बास अंसारी की रिहाई के दिन कासगंज जेल के बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। उनके समर्थकों में खुशी की लहर थी, लेकिन प्रशासन ने भीड़ जुटने नहीं दी। रिहाई के बाद अब्बास सीधे अपने परिवार से मिलने पहुंचे, जहां उनके बेटे से मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।