मथुरा। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति राम मनोहर मिश्रा की एकल पीठ ने शाही ईदगाह को “विवादित ढांचा” घोषित करने की मांग संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उपलब्ध तथ्यों और याचिका के आधार पर शाही ईदगाह मस्जिद को इस समय विवादित ढांचा नहीं माना जा सकता।
हिंदू पक्ष की ओर से दायर इस याचिका में दावा किया गया था कि मथुरा के कटरा केशव देव क्षेत्र में स्थित ईदगाह मस्जिद का निर्माण श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर बने प्राचीन मंदिर को ध्वस्त कर किया गया था। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि जिस प्रकार अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कोर्ट ने विवादित ढांचा माना था, उसी तरह शाही ईदगाह को भी विवादित घोषित किया जाए।
हिंदू पक्ष के वकील महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 5 मार्च 2025 को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर 23 मई को बहस पूरी हो गई थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया है। हालांकि कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख भी तय की है। अब यह केस 2 अगस्त 2025 को पुनः सुना जाएगा।
क्या है मामला?
मथुरा के कटरा केशव देव क्षेत्र की 13.37 एकड़ जमीन को लेकर यह विवाद है, जहां एक ओर श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर स्थित है, वहीं दूसरी ओर शाही ईदगाह मस्जिद भी इसी परिसर में मौजूद है। हिंदू पक्ष का दावा है कि पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि की है, जबकि मुस्लिम पक्ष इस दावे को खारिज करता आया है।
हिंदू पक्ष का यह भी आरोप है कि वर्ष 1670 में मुगल शासक औरंगजेब ने श्रीकृष्ण मंदिर को ध्वस्त कर उस स्थान पर शाही ईदगाह मस्जिद बनवाई थी। हालांकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस दावे के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं और मस्जिद का अस्तित्व वैध और ऐतिहासिक है।