अनंत चतुर्दशी का व्रत भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी कल 9 सितंबर, शुक्रवार को है। इस दिन को अनंत चौदस के नाम से भी जानते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है।
इस व्रत को प्रभाव से जातक को अनंत फलों की प्राप्ति होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। यह दिन 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव का आखिरी दिन होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 14 साल तक लगातार अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है।
ऐसे करें व्रत और पूजन
अनंत चतुर्दशी के दिन 14 लौंग लगा हुआ लड्डू भगवान सत्यनारायण के कलश पर अर्पित करें।
पूजा के उपरांत इसे किसी चौराहे पर रख दें। ऐसा करने से आने वाले संकटों से रक्षा होती है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर घर की पूर्व दिशा में लाल कपड़ा बिछाकर पीतल का कलश स्थापित करें।
अनंत कलश के पास 14 कुश रखें। कुमकुम, केसर, हल्दी, 14 गांठ वाला अनंत सूत्र तैयार करें।
भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना करें। घी का दीपक जलाएं।
श्री सत्यनारायण भगवान का स्मरण करते हुए अनंत सूत्र को अपने हाथ में धारण करें।
सत्यनारायण भगवान के कलश पर चढ़े 14 जायफल बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से विवादों से मुक्ति मिलती है।
इस दिन कलाई पर चौदह गांठ युक्त रेशमी धागा बांधा जाता है, जिसे अनंतसूत्र कहा जाता है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
परिवार में कोई सदस्य पुरानी बीमारी से ग्रसित है तो अनंत चतुर्दशी के दिन अनार उसके सिर से वार कर भगवान सत्यनारायण के कलश पर चढ़ाएं और इसे गाय को खिला दें।
अनंत कलश पर आलता अर्पित करें। अनंत कलश पर 12 राजमा चढ़ाकर जल में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से हानि से मुक्ति मिलती है।
श्री हरि के मंदिर में इस दिन लाल फल अर्पित करने से दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों के पूर्णतया सत्य एवं सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।