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इन राशि की लड़कियां दिल तोड़ने में होती हैं सबसे आगे

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नई दिल्ली। हर इंसान की चाहत होती है कि उसे दिल का अच्छा और लॉयल पार्टनर मिले। लेकिन कई लड़के अपने पसंद के चक्कर में ऐसी लड़कियों को चुन लेते हैं जो दिल तोड़ने में एक मिनट का भी समय नहीं लगाती।

आज हम आपको कुछ ऐसी राशियों की लड़कियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्यार को सीरियसली नहीं लेती हैं और लड़कों का दिल तोड़ने में जरा सी देर भी नहीं लगाती।

मिथुन राशि

मिथुन राशि की लड़कियां के अंदर हमेशा कुछ नया करने का गुण पाया जाता है। इस राशि की लड़कियां जल्द ही चीजों से बोर हो जाती हैं। ऐसे में अगर रिलेशनशिप में उनके साथ कुछ बुरा या मनमुताबिक नहीं होता तो ये पार्टनर को भूलने में  टाइम नहीं लगाती।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि की लड़कियां किसी भी तरह की कमिटमेंट करने से डरती हैं। यही कारण है कि जब उनका पार्टनर किसी तरह की कमिटमेंट करने को कहता है तो उन्हें छोड़ देती हैं। इस राशि की लड़कियां किसी भी रिलेशनशिप में ज्यादा देर नहीं टिकती हैं।

धनु राशि

इस राशि की लड़कियां एडवेंचर पसंद और एक्सप्लोर करने वाली होती हैं। इन्हें किसी भी तरह का बंधन पसंद नहीं है। ऐसे में जब इनका पार्टनर किसी तरह की रोक-टोक लगाता है तो वह उनसे दूर जाने में ही अपनी भलाई समझती हैं।

सिंह

सिंह राशि की लड़कियां दिलफेंक किस्म के होते हैं। इस राशि की लड़कियों को खुद से बढ़कर कुछ नहीं होता है, पार्टनर भी नहीं। इस राशि की लड़कियों को अटेंशन चाहिए होता है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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