प्रादेशिक
यूपीः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने up.mygov.in पोर्टल का किया शुभारम्भ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज up.mygov.in पोर्टल का शुभारम्भ किया। भारत सरकार के myGov पोर्टल के 07 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस पोर्टल की शुरुआत की गयी है। कार्यक्रम के दौरान उलळवअ पोर्टल के 07 वर्ष पूर्ण होने पर केन्द्रित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। myGov पोर्टल के 07 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज भारत सरकार के सहयोग से up.mygov.in पोर्टल का शुभारम्भ किया गया। इससे प्रदेश भी केन्द्र सरकार के उलळवअ पोर्टल से जुड़ गया है। यह पोर्टल पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी की अंत्योदय की भावना के अनुसार अंतिम पायदान के व्यक्ति तक शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सहायक होगा। साथ ही, इससे राज्य सरकार को जनता के सुझावों को जानने, विभिन्न मामलांे में सहयोग प्राप्त करने तथा इनोवेशन को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 07 वर्ष पहले प्रधानमंत्री जी ने तकनीक के माध्यम से लोकतंत्र की भावनाओं को साकार करने के लिए जो कार्य प्रारम्भ किये थे, उसने न केवल अपनी पहचान बनायी, बल्कि सुशासन का लक्ष्य प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभायी। 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने शपथ ली थी। 26 जुलाई, 2014 को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर उन्होंने myGov पोर्टल का शुभारम्भ किया था। यह पोर्टल लोकतंत्र की भावना के अनुरूप विभिन्न योजनाआंे में जनभागीदारी, जनता के सुझावों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पोर्टल से 01 करोड़ 85 लाख से अधिक लोगों का जुड़ाव इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है। उन्हांेने शासन की योजनाओं से जनता को जोड़ने में पोर्टल का बेहतरीन उपयोग करने के लिए myGov पोर्टल की टीम को बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तकनीक न केवल आमजन के जीवन में व्यापक सुधार का माध्यम बन सकती है, बल्कि लोकतंत्र की भावना को भी चरितार्थ कर सकती है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि विगत डेढ़ वर्ष से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। कोरोना काल में तकनीक जनता को शासन की विभिन्न योजनाआंे का प्रभावी एवं पारदर्शी ढंग से लाभ पहुंचाने में सहायक सिद्ध हुई है। राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न वितरण को ई-पॉस मशीनों से जोड़ा। इससे न केवल पहले से अधिक संख्या मंे जरुरतमन्द लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने में मदद मिली, बल्कि पारदर्शी ढंग से खाद्यान्न वितरण के कारण राज्य सरकार को 1200 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष बचत भी हो रही है। तकनीक के उपयोग से प्रदेश के राजस्व मंे भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को up.mygov.in पोर्टल बनाने व लॉन्च करने के लिए धन्यवाद देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह पोर्टल निरन्तर भारत सरकार के मार्गदर्शन में आमजन की भावनाआंे के अनुरूप प्रधानमंत्री जी के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का प्रतीक बनेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि myGov का यू0पी0 चैप्टर भी myGov की तर्ज पर अपनी बेहतर सेवाओं के लिए जाना जाएगा।
कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि myGov देश के जनमानस के जीवन में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री जी का एक सफल कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में myGov के उत्तर प्रदेश चैप्टर की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देते हुए उन्हांेने कहा कि इससे प्रदेश की जनता को विभिन्न सरकारी सेवाएं सरलता से उपलब्ध होंगी तथा समाज एवं सरकार के मध्य सामंजस्य बढ़ेगा तथा साधारण से साधारण व्यक्ति को सरकार से सीधा जुड़ने का अवसर मिलेगा।
श्री वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार समाज के गरीब, शोषित, वंचित वर्गाें के कल्याण के लिए प्रयासरत है। तकनीक के प्रयोग से अंत्योदय की सोच को साकार करने का कार्य किया जा रहा है। इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी ने तकनीक के व्यापक प्रयोग को प्रोत्साहन दिया है। इसके लिए आधार, मोबाइल, मोबाइल निर्माण में तेजी, गरीब से गरीब व्यक्ति को इण्टरनेट सेवा, डिजीटल पेमेन्ट, डी0बी0टी0 आदि को बढ़ाने का प्रयास किया गया है। इन प्रयासों का उद्देश्य आम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाना है।
वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी सचिव श्री अजय साहनी ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि myGov पोर्टल के माध्यम से सरकार की विभिन्न महत्वपूर्ण नीतियों पर नागरिकों की राय लेकर उनका प्रयोग किया जाता है। कोविड-19 के सम्बन्ध में जानकारी के लिए myGov पोर्टल का डैशबोर्ड सर्वाधिक फॉलो किया गया। उन्होंने कहा कि डिजीटल इण्डिया का ‘लोगो’ myGov पोर्टल द्वारा सुझाया गया था। आज यह एक जाना पहचाना ‘लोगो’ है। कार्यक्रम का संचालन myGov के सी0ई0ओ0 श्री अभिषेक सिंह ने वर्चुअल माध्यम से किया।
कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपर मुख्य सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में लोकतंत्र की भावना के अनुरूप शासन की योजनाओं में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए myGov पोर्टल तैयार कराया गया है। यह प्रयास किया जाएगा कि प्रदेश में भी इसी प्रकार up.mygov.in पोर्टल राज्य सरकार और नागरिकों के बीच सेतु के रूप में कार्य करे। उन्होंने भारत सरकार की myGov टीम को बहुत कम समय में पोर्टल तैयार कराने के लिए धन्यवाद देते हुए प्रदेश मंे पोर्टल के बेहतर ढंग से संचालन के लिए प्रदेश की टीम की सहायता का अनुरोध भी किया।
केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर भी वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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