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प्रादेशिक

गन्ना आयुक्त ने लिया किसानों के सुझावों का त्वरित संज्ञान

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लखनऊ। प्रदेश के गन्ना किसानों को बेहतर डिजिटल सुविधा प्रदान करने, उनके समय तथा धन की बचत कराने एवं कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिगत ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरे जाने की सुविधा ई.आर.पी. की वेबसाइट enquiry.caneup.in पर गन्ना विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी है। गन्ना किसानों को ऑनलाइन घोषणा-पत्रों को भरे जाने में आ रही कठिनाइयों को दूर करने हेतु परिक्षेत्रीय अधिकारियों को समय-समय पर विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में परिक्षेत्रीय अधिकारियों के साथ हुए विचार-विमर्श एवं किसानों के सुझावों के आधार पर ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरने की प्रकिया को और सरल किया गया है।

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरते समय की जटिल प्रक्रिया को सरलीकृत करने एवं कृषकों की सुविधाओं के दृष्टिगत कृषकों को संषोधन का विकल्प दिया गया है। किसानों से प्राप्त सुझावों के आधार पर राजस्व भूमि के प्रमाण के रूप में खतौनी अपलोड़ करने की व्यवस्था को कृषक हित में समाप्त कर दिया गया है, साथ ही आधार कार्ड के 04 अंकों के माध्यम से फार्म ओपन करने वाले कृषकों के फार्म में डाक्यूमंेट अपलोड के सेक्शन को भी डिसेबल करने का निर्णय गन्ना आयुक्त द्वारा लिया गया है।

उन्होंने बताया कि कृषकों को ई.आर.पी. पर ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरने हेतु कई संशोधन कराये गये हैं जिसके तहत सॉफ्टवेयर की कठिन भाषाओं को और सरल किया गया है जैसे आटम के स्थान पर ’’शरदकालीन’’, शेयर प्रतिशत के स्थान पर ’’कृषक अंश’’, गन्ना जाति के स्थान पर ’’गन्ना किस्म’’, खसरा संख्या के स्थान पर ’’खतौनी खाता संख्या’’ आदि सरल एवं व्यवहारिक शब्दों का प्रयोग कृषक हित में किया गया है।

गन्ना कृषकों को घोषणा-पत्र में संशोधन के दौरान ग्राम संशोधन की व्यवस्था भी प्रदान की गयी है। भू-जोत (ब्स्।) का कृषक अंश यथा 1/3, 1/4 के रूप में दर्ज करने का विकल्प भी गन्ना किसानों को ई.आर.पी. सॉफ्टवेयर में उपलब्ध कराया जाएगा। घोषणा-पत्र में गन्ना क्षेत्रफल की इकाई हेक्टेअर में दी गयी है तथा डेशबोर्ड पर घोषणा-पत्र भरे जाने की स्थिति जोन, जिला आदि को भी दर्शाया गया है। ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरते समय ट्रान्सफर एंट्री (पाही काष्त) हेतु ग्राम बदलने एवं एक से अधिक ग्राम दर्ज करने व्यवस्था भी किसानों को घोषणा-पत्र भरने के दौरान प्रदान की गई है।

गन्ना आयुक्त ने यह भी बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों के लिये गन्ना आपूर्ति के प्रत्येक चरण को पारदर्शी एवं सुविधायुक्त बनाने हेतु शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में घोषणा-पत्र भरने में सहूलियत दी जा रही हैं। घोषणा-पत्र भरने से जुड़ी व्यवस्थाओं के सरलीकरण से विभागीय कार्मिकों के साथ-साथ गन्ना किसानों को काफी राहत पहुंचेगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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