प्रादेशिक
ब्लैकमेलिंग करने वाली उल्लू डिजिटल प्रा. लि. की लीगल एडवाइजर का साथी मुंबई से गिरफ्तार
ब्लैकमेलिंग करने वाली उल्लू डिजिटल प्रा. लि. की लीगल एडवाइजर का साथी मुंबई से गिरफ्तार
उल्लू डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ व कार्यकारी निदेशक से ब्लैकमेलिंग कर लाखो रुपये का चूना लगाने की आरोपी कंपनी की लीगल एडवाइजर हिना जाबिर बेग के साथी अजहर जमादार को साइबर क्राइम थाने की टीम ने मुंबई से गिरफ्तार कर लिया है। अजहर को को लखनऊ लाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा ।गैंग का एक साथी अहमान रहमान अभी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है । हिना और उसकी गैंग ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी वेब सिरीज में आपत्तिजनक सामग्री होने का आरोप लगाकर मुकदमेबाजी में फंसाने की धमकी देकर कंपनी के सीईओ व कार्यकारी निदेशक को ई-मेल भेजकर ब्लैकमेलिंग की थी।
मामला उजागर होने पर उल्लू डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कार्यकारी निदेशक शोभित सिंह ने 10 जून 2021 को राजधानी के साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि किसी ने ई-मेल भेजकर उन्हें धमकी देकर लाखो रुपये वसूल लिए । इसके बाद दोबारा ई-मेल भेजकर 40 लाख रुपये की मांग की गई थी । जिसकी शिकायत मिलने पर लखनऊ साइबर क्राइम ने छानबीन की तो पता चला कि जिस आईडी से ई-मेल किए गए वो कंपनी के मुंबई स्थित कार्यालय में कार्यरत लीगल एडवाइजर हिना जाबिर बेग इस्तेमाल करती है। मुंबई की गणेश दर्शन बिल्डिंग, अंधेरी वेस्ट, वर्सोवा की रहने वाली हिना ने अपने मंगेतर अहमान रहमान निवासी शक्ति मोहल्ला, रुड़की, उत्तराखंड की मदद से ये ब्लैकमेलिंग की थी।
कोर्ट में हाजिर न होने पर सीजेएम ने गैर जमानती वारंट जारी किया था। जिसके बाद पुलिस टीम ने मुंबई के वर्सोवा स्थित घर से हिना को गिरफ्तार किया था जो इस समय जमानत पर है । वही साइबर सेल ने आज हिना के दूसरे साथी अजहर जमादार को गिरफ्तार कर लिया है जानकारी के मुताबिक अजहर जमादार मुंबई में कोचिंग चलाता था और मास्टर माइंड हिना के कहने पर साइबर क्राइम का पुलिस अधिकारी बनकर फोन कर वसूली की रकम तय करता था । अजहर जमादार की गिरफ्तारी साइबर क्राइम सेल की बड़ी सफलता मानी जा रही है । फिलहाल पुलिस इस गैंग के तीसरे सदस्य अहमान रहमान की तलाश में जुटी हुई है । माना जा रहा है कि इस गैंग ने मिलकर अब तक कई लोगों के साथ इस तरह की ठगी को अंजाम दिया होगा ।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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