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उत्तर प्रदेश

लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के चार आरोपी हिरासत में, सीएम योगी ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में हाल ही में खुले लुलु मॉल में नमाज पढ़ने के आरोपी चार लोगों को पुलिस ने आज मंगलवार सुबह हिरासत में ले लिया है। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को ऐसे तत्वों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग जनता के आवागमन को रोकने के लिए अनावश्यक रूप से टिप्प्णी और प्रदर्शन कर रहे हैं। लखनऊ प्रशासन को इस पर मामले पर पूरी गंभीरता दिखानी चाहिए और ऐसे लोगों से सख्ती से निपटना चाहिए।

बता दें कि बीते दिनों लुलु मॉल में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद ये शॉपिंग मॉल विवादों आ गया। इसकी प्रतिक्रिया में कुछ हिंदूवादी संगठनों ने भी हनुमान चालीसा पढ़ी थी। मॉल के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

अराजकतत्वों पर ड्रोन से की जा रही निगरानी

लुलु मॉल की सुरक्षा में पीएसी तैनात कर दी गई है और अराजकतत्वों पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है। आधा किमी पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा दी है जहां पर चेकिंग के बाद ही मॉल के भीतर जाने की अनुमति दी जा रही है। मॉल प्रशासन ने भी बयान जारी कर कार्रवाई की मांग की है।

एडीसीपी साउथ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मॉल के अंदर सादी वर्दी में बॉडी वार्म कैमरा लगाकर जवानों की तैनाती की गई है। मॉल की सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। पूरे इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इस दौरान किसी पर शक हुआ, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसीपी गोसाईंगंज स्वाति चौधरी के मुताबिक, मॉल के आधा किलोमीटर पहले ही बैरिकेंडिंग लगाकर चेकिंग की जा रही है। पीएसी के साथ पुलिस बल तैनात किया गया है। इस दौरान हर एक व्यक्ति की चेकिंग के बाद ही अंदर जाने दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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