Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी व उनके बेटे इमरान गिरफ्तार, 50-50 हजार के हैं इनामी

Published

on

Yakub Qureshi arrested

Loading

मेरठ/नई दिल्ली। उप्र के पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी और उनके बेटे इमरान कुरैशी को कल शुक्रवार रात मेरठ पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। पिता-पुत्र दिल्ली के चांदनी चौक में अपने रिश्तेदार के यहां पर छिपे थे। दोनों को पुलिस दिल्ली से मेरठ लेकर आ रही है।

बता दें कि 31 मार्च 2022 को मेरठ के हापुड़ रोड पर याकूब कुरैशी की फैक्टरी में पुलिस ने छापा मारा था। जहां पर अवैध तरीके से मीट पैकिंग का काम चल रहा था। पुलिस ने याकूब कुरैशी,  उनकी पत्नी संजीदा बेगम और बेटे इमरान व फिरोज के खिलाफ सहित 17 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

इसके बाद मेरठ पुलिस ने याकूब कुरैशी और उनके परिवार सहित 7 लोगों पर गैंगस्टर की धारा में मुकदमा पंजीकृत कर लिया था। आरोपी याकूब का बेटा फिरोज कोर्ट में सरेंडर करके एक चला पहले जेल चला गया, जबकि पत्नी संजीदा बेगम अग्रिम जमानत पर बाहर हैं।

याकूब कुरैशी और बेटे इमरान पर आईजी मेरठ रेंज ने 50-50 हजार का इनाम कर दिया था, दोनों की तलाश में मेरठ पुलिस के साथ एसटीएफ भी लग गई थी। सटीक लोकेशन मिलने पर मेरठ की एसओजी टीम ने आरोपी पिता-पुत्र को शुक्रवार देर रात दिल्ली के चांदनी चौक थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है।

दोनों पिता-पुत्र अपने एक रिश्तेदार के घर पर ही ठहरे हुए थे। याकूब कुरैशी और उनकी बेटे की गिरफ्तारी होने की जानकारी लगते ही याकूब के समर्थकों में खलबली मच गई। बताया जा रहा है कि दोनों पिता-पुत्र को मेरठ पुलिस दिल्ली से लेकर मेरठ आ रही है।

Yakub Qureshi and his son Imran arrested, Yakub Qureshi arrested, Yakub Qureshi latest news, Yakub Qureshi news,

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

Published

on

Loading

लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

Continue Reading

Trending