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उत्तर प्रदेश

चेन्नई पहुंची टीम योगी के साथ बीटूजी मीटिंग में उद्यमियों ने सरकार के प्रयासों को सराहा

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चेन्नई। उत्तर प्रदेश को नये भारत का ग्रोथ इंजन बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशन में जारी डोमेस्टिक रोड शो के दूसरे पड़ाव चेन्नई से भी उत्साह बढ़ाने वाले रुझान सामने आये हैं। आईटीसी ग्रैंड चोला में सोमवार को आयोजित बिजनेट टू गवर्नमेंट मीटिंग के दौरान दक्षिण भारत के उद्योगपतियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान सभी ने उत्तर प्रदेश को निवेश के दृष्टिकोंण से अपार संभावनाओं वाला प्रदेश बताया। बैठक में आए उद्यमियों में यूपी में निवेश को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला। कोई यूपी के धार्मिक शहरों को ट्रांस्पोर्ट सेवाओं के जरिए जोड़ने में निवेश करने की चाह लिए दिखा तो किसी ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्साह दिखाया। इसके अलावा डिफेंस, होटल एंड डिस्टलरीज, रिन्यूवल एनर्जी, हेल्थ केयर, शुगर मिल और वित्तीय सेवाओं में निवेश के लिए उद्यमियों ने सकारात्मक भाव प्रदर्शित किया।

पहली बार यूपी की किसी सरकार ने हमें साझीदार बनाने को सोचा है

उद्यमियों ने इस बात को स्पष्ट तौर पर स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में काफी शानदार और रचनात्मक विकास कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है जब उत्तर प्रदेश की किसी सरकार ने तमिलनाडु के उद्यमियों को प्रदेश के विकास में साझीदार बनाने की पहल की है। तमिलनाडु के उद्यमी भी उत्तर प्रदेश को नये भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में कार्य करते देखना चाहते हैं। निवेशकों ने हाल ही में वाराणसी में हुए काशी तमिल संगमम को तमिलनाडु से प्रगाढ़ता बढ़ाने के क्षेत्र में काफी सकारात्मक प्रयास बताया है।

योगी सरकार के साथ कार्य करना काफी सुखद रहा

प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में पैटर्सन इनर्जी चलाने वाले उद्यमी अमरनाथ ने बताया कि उनकी कंपनी यूपी में पहले से ही कार्य कर रही है। मथुरा में नगर निगम के साथ मिलकर उनकी कंपनी प्लास्टिक वेस्ट सॉल्यूशन के क्षेत्र में कार्य कर रही है। इसके लिए पैटर्सन कंपनी की ओर से मथुरा में एक प्लांट भी लगाया गया है। अमरनाथ के अनुसार योगी सरकार के साथ कार्य करने का उनका अनुभव काफी सुखद रहा है। उन्होंने बताया कि एक उद्योग लगाने के लिए कई प्रकार की अनुमतियां प्राप्त करनी होती हैं, जोकि उत्तर प्रदेश में पहले काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था। मगर योगी सरकार में हमें सभी प्रकार की अनुमतियां प्राप्त करने में काफी असानी हुई है। ये हमारे लिए बहुत ही सुखद अनुभव रहा। अमरनाथ के अनुसार उत्तर प्रदेश में काफी सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। हर क्षेत्र में बहुत से रचनात्मक कार्य उत्तर प्रदेश में हुए हैं। हम प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में आगे भी बड़े स्तर पर उत्तर प्रदेश में निवेश को इच्छुक हैं।

उत्तर प्रदेश में इस वक्त निवेश करने का सबसे अच्छा समय है

सीट्रेक्स पेट्रोकेमिकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर इल्लेना ने बताया कि योगी सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात करना बेहद शानदार अनुभव रहा। गुजरात और महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में केमिकल इंडस्ट्री में अपार संभावनाएं हैं। हमारी कंपनी की इच्छा यूपी में पेट्रोकेमिकल्स सेक्टर में निवेश करने की है। यूपी एक बड़ा राज्य है, जहां पेट्रोकेमिकल्स के क्षेत्र में दो-दो बड़े प्लांट मौजूद हैं। साथ ही यूपी का देश की राजधानी नई दिल्ली के करीब होना भी उद्योग जगत के लिए काफी फायदेमंद है। इसके अलावा नोएडा में काफी संख्या में केमिल्स इंडस्ट्रीज हैं। हमारा मानना है कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त निवेश करने का सबसे अच्छा समय है।

यूपी में इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी मजबूत हुआ है

मेल्स सिस्टम एंड सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर टी श्रीनिवासन ने बताया कि उनकी कंपनी 27 साल से डिफेंस सेक्टर में कार्य कर रही है। हम आर्मी के लिए ऑटोमेटेड टेस्ट सिस्टम की मॅन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बढ़िया कार्य कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बन रहे डिफेंस कॉरीडोर में निवेश के लिए हमारी कंपनी इच्छुक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में काफी बदलाव हुए हैं। यूपी के शहर पहले से ज्यादा साफ सुथरे हुए हैं, इसके अलावा रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर भी काफी मजबूत हुआ है। हमारी कंपनी उत्तर प्रदेश सरकार के साथ निवेश के लिए बेहद उत्साहित है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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