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उत्तर प्रदेश

साबरमती जेल से चला अतीक अहमद का काफिला, बोला- मुझे जान से मारने की साजिश

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Atiq Ahmed convoy left Sabarmati jail

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अहमदाबाद। उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने के नामजद माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज पुलिस साबरमती जेल से लेकर रवाना हो गई है। साबरमती जेल से निकलने के बाद अतीक अहमद ने मीडिया से कहा कि मुझे जान से मारने की साजिश हो रही है। राजस्थान के डूंगरपुर में अतीक का काफिला रूका। पुलिस ने अतीक को कुछ देर के लिए वैन से बाहर निकाला।

अतीक की बहन ने दाखिल की सरेंडर की अर्जी

माफिया अतीक अहमद की बहन आयशा नूरी और भांजी उंजिला ने कोर्ट में सरेंडर की अर्जी डाली है। आयशा नूरी ने सीजेएम कोर्ट में वकील के जरिए सरेंडर अर्जी दी गई। आयशा नूरी और उंजिला की अर्जी पर सीजेएम कोर्ट 13 अप्रैल को अर्जी पर सुनवाई करेगा।

गहन पूछताछ की जानी चाहिए

माफिया अतीक अहमद को हत्या के मामले में पूछताछ के लिए यूपी के प्रयागराज वापस लाए जाने पर मारे गए उमेश पाल की मां शांति देवी का कहना है कि गहन पूछताछ की जानी चाहिए। अपराधियों को पकड़ा जाना चाहिए।

उमेश पाल हत्याकांड के राज उगलवाएगी पुलिस

सूत्रों का कहना है कि अतीक को प्रयागराज लाकर उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी देगी। इसके बाद अतीक से उमेश पाल हत्याकांड के राज उगलवाए जाएंगे। अशरफ के खिलाफ भी बी वारंट जारी हुआ है। बरेली से प्रयागराज लाने के लिए पुलिस की एक टीम पहुंची है।

उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रचने में नामजद माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज कोर्ट में पेश करने के लिए यूपी पुलिस की एक टीम अहमदाबाद की साबरमती जेल पहुंची। अतीक अहमद का बी वारंट जेल में तामील कराया। इसके बाद साबरमती जेल से प्रयागराज पुलिस कड़ी सुरक्षा में माफिया अतीक अहमद को लेकर रवाना हो गई है।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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