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उत्तर प्रदेश

परिवहन निगम की बसों में जल्द उपलब्ध होगी कोरियर और पार्सल सेवा

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लखनऊ, । योगी सरकार उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों के माध्यम से प्रदेश के लोगों को कोरियर/पार्सल सेवा की सुविधा प्रदान करने जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और मेसर्स एवीजी लॉजिस्टिक लि. दिल्ली के मध्य पांच वर्षों के लिए अनुबंध किया गया है। इस व्यवस्था को संचालित करने के लिए 9 सितंबर, 2024 तक आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया जाएगा। इस सुविधा का लाभ परिवहन निगम की साधारण व एसी दोनों प्रकार की बसों में मिलेगा।

परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि प्रदेश में साधारण व एसी बसों को मिलाकर कुल 11000 बसों का प्रयोग इस सेवा के लिए किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से आगरा,गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, हरदोई, इटावा, कानपुर रीजन में झांसी सम्मिलित है जहां ज्यादा बुकिंग होने की संभावना है।

अनुबंध के प्राविधानों का अनुपालन किया जाएगा सुनिश्चित

परिवहन मंत्री द्वारा परिवहन निगम के अधिकारियों को अनुबंध में निहित प्राविधानों का शत् प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा है कि यातायात अधीक्षक/निरीक्षक द्वारा मार्ग में यात्री टिकटों के निरीक्षण के साथ लगेज का भी निरीक्षण कराया जाना सुनिश्चित करें। यदि परिचालक द्वारा अवैध रूप से पार्सल की बुकिंग की जाती है तो दोषी कार्मिकों के विरूद्ध दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि समस्त सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक एवं स्टेशन प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि बसों के चालकों/परिचालकों द्वारा निर्धारित बस स्टेशन पर गाड़ी रोक कर कोरियर पार्सल सेवा के प्रतिनिधि से पार्सल बुक कराएंगे तथा बुकिंग रसीद भी प्राप्त करेंगे। फर्म द्वारा पार्सल रखने के लिए बसों पर आरक्षित स्थान एवं वजन के अतिरिक्त शेष स्थान निगम के यात्रियों के सामान रखने हेतु रहेगा। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि बस स्टेशनों पर जो भी सामान बुक किया जाए वह कोरियर सर्विस के माध्यम से बुक किया जाए तथा कुलियाना द्वारा अनाधिकृत रूप से बसों में लोड ना किया जाए, यह उत्तरदायित्व सहायक प्रबंधक का होगा।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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