उत्तर प्रदेश
विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर 50,000 करोड़ का ऋण वितरित करेंगे सीएम योगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने के लिए प्रयासरत सीएम योगी राज्य की पारंपरिक कलाओं, हस्तशिल्प, माटीकला व ओडीओपी के हस्तशिल्पियों व कारीगरों की प्रशस्ति की दिशा में एक और ‘मील का पत्थर’ रखने जा रहे हैं। मंगलवार को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में वह विश्वकर्मा श्रम सम्मान व ओडीओपी तथा माटीकला के अंतर्गत हस्तशिल्पियों को टूलकिट प्रदान करने के साथ ही 50,000 करोड़ का ऋण वितरित करने जा रहे है। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जुपिटर हॉल में सायं 4 बजे हो रहे इस वितरण कार्यक्रम में हस्तशिल्पियों व कारीगरों के उचित सम्मान के साथ ही प्रदेश की पारंपरिक कला के प्रश्रय देने का नया मार्ग सुनिश्चित होगा।
उल्लेखनीय है सीएम योगी प्रदेश की पारंपरिक कलाओं को प्रश्रय देने के साथ ही इसे उद्यमिता से जोड़कर देश विदेश में बड़े स्तर पर प्रमोट करते हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओडीओपी पॉलिसी की देशभर में चर्चा है। इससे न केवल प्रदेश की पारंपरिक कलाओं को एक बड़ा मंच मिलना संभव हो सका है, बल्कि पूरी दुनिया में ओडीओपी प्रोडक्ट्स की धाक जम रही है। सीएम योगी का मौजूदा प्रयास इसी कड़ी को और मजबूत कर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रदेश के सभी हस्तशिल्पियों, कारीगरों को उचित सम्मान व प्रोत्साहन पहुंचाने का जरिया सिद्ध होने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों को कामयाबी, एक दिन-एक शिफ्ट में होगी PCS की परीक्षा
प्रयागराज। प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है। UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षाओं के दो दिन दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आयोग के नोटिस जारी होने के साथ ही फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन किया।
अधिकारियों ने प्रदर्शनकरी छात्रों से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक आयोग से छात्रों के हितों में फैसले के लिए कहा। सीएम योगी की पहल के बाद आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया और छात्रों की एक दिन एक शिफ्ट में पेपर की मांग को मान स्वीकार कर लिया।
वहीँ आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी। आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।
कब होंगे पेपर?
जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।
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