नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने चुटकी में अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया। लोग कहते थे कि खून की नदियां बह जाएंगी, लेकिन जम्मू कश्मीर में कंकर भी नहीं चले। शाह दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
अमित शाह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व विद्यालयों को विचारों के आदान-प्रदान का मंच बनना चाहिए, न कि वैचारिक संघर्ष का स्थान। विश्व विद्यालयों को वैचारिक संघर्ष का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए।
देश की रक्षा नीति का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार बनने से पहले देश की कोई रक्षा नीति नहीं थी और यदि वह थी भी तो मात्र विदेशी नीति की छाया के रूप में।
बता दिया भारत की रक्षा नीति का मतलब
सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक व एयर स्ट्राइक्स का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि भारत ने इनके जरिए बता दिया कि भारत की रक्षा नीति का क्या मतलब है।
इसके पहले आतंकियों को हम पर हमले के लिए भेजा जाता था, उरी व पुलवामा हमले भी वैसे ही थे, लेकिन सर्जिकल व एयर स्ट्राइक ने देश की रक्षा नीति के मायने स्पष्ट कर दिए हैं।
जो लोग आतंकवाद के कारण मारे गए, उनके भी मानव अधिकार थे
उन्होंने कहा कि आज उत्तर पूर्व के 75 फीसदी हिस्से से अफस्पा हटा दिया गया है। यह उन लोगों को जवाब है, जो इसे मानवाधिकारों के नाम पर हटाने की मांग कर रहे थे।
वे आतंकियों के मानवाधिकारों की बात करते थे, लेकिन मैं उनसे कहना चाहता हूं कि जो लोग आतंकवाद के कारण मारे गए, उनके भी तो मानव अधिकार थे।
स्वराज को ‘राज’ तक सीमित कर दिया
गृह मंत्री ने कहा कि देश में 2014 से लगातार परिवर्तन हुआ है। इसका वाहक दिल्ली विश्वविद्यालय बने। चंद्र शेखर आजाद भी इस विश्वविद्यालय में रहे। मैं मानता हूं यह यूनिवर्सिटी आने वाले वर्षों तक अपनी पहचान बनाएं रखे।
शाह ने कहा कि कुछ लोगों ने स्वराज को ‘राज’ तक सीमित कर दिया जबकि ध्यान ‘स्व’ पर देना चाहिए था। स्वराज को सम्पूर्ण अर्थ ही नए भारत का विचार है। भारत कोई संधि या युद्ध से बना देश नहीं है, बल्कि यह एक भू-सांस्कृतिक देश है। आइडिया ऑफ इंडिया वसुधैव कुटुंबकम, वैष्णव जन के भजन में निहित है।