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खेल-कूद

अर्जेटीना के साथ मेसी के 10 असफल वर्ष

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ब्यूनस आयर्स| मौजूदा फुटबाल में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फॉरवर्ड खिलाड़ियों में शुमार अर्जेटीनी स्टार लियोनेल मेसी ने अपने देश की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलते हुए 10 वर्ष पूरे कर लिए हैं, हालांकि अर्जेटीना के साथ उनका यह कार्यकाल किसी भी तरह से सफल नहीं कहा जा सकता। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अगस्त 2005 में हंगरी के खिलाफ मैच में स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर उतरे मेसी को अपने पदार्पण मैच में रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया गया था।

मेसी तब से अर्जेटीना के साथ एक दशक पूरा कर चुके हैं हालांकि अर्जेटीनी युवा टीम के लिए उन्होंने जो सफलताएं हासिल कीं सीनियर टीम में उसे अब तक दोहरा नहीं सके हैं।

मेसी ने अर्जेटीना की अंडर-20 टीम के लिए विश्व कप-2005 खिताब जीता और उनके नेतृत्व में अर्जेटीना की अंडर-23 टीम बीजिंग विश्व कप चैम्पियन रही।

फीफा विश्व कप-2006 में उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए तीन मैच खेले और एक गोल किया। हालांकि जर्मनी के खिलाफ न खिलाए जाने पर वह खासे नाराज भी हुए।

अर्जेटीना के साथ मेसी की सफलता मैनेजर एल्फियो बासिलो के अधीन शुरू हुआ, जब अर्जेटीनी टीम कोपा अमेरिका-2007 के फाइनल में पहुंची। हालांकि अर्जेटीना को फाइनल में ब्राजील से 0-3 से हार मिली। मेसी ने टूर्नामेंट में दो गोल किए।

मेसी ने दिग्गज डिएगो माराडोना के मार्गदर्शन में फीफा विश्व कप-2010 में राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया। मेसी ने टूर्नामेंट में खेले पांचों मैच में हिस्सा लिया, हालांकि वह एक भी गोल नहीं कर सके और अर्जेटीना क्वार्टर फाइनल मुकाबले में जर्मनी के हाथों 0-4 से हारकर बाहर हो गई।

मेसी के साथ अर्जेटीना यू-23 टीम को बीजिंग ओलम्पिक खिताब दिलाने वाले सर्जियो चेको बास्टिया को कोपा अमेरिका कप से पहले टीम का नया मैनेजर नियुक्त किया गया।

मेसी हालांकि इस बार भी टूर्नामेंट में पूरी तरह असफल रहे और क्वार्टर फाइनल में उरुग्वे से पेनाल्टी शूटआउट में हारकर टीम बाहर हो गई।

पिछले वर्ष ब्राजील में हुए फीफा विश्व कप-2014 में अर्जेटीनी टीम मेसी के नेतृत्व में कहीं दमदार नजर आ रही थी और अर्जेटीना के लिए करियर के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नजर आए मेसी टीम को फाइनल तक ले जाने में भी सफल रहे।

फाइनल में हालांकि अर्जेटीना को एकबार फिर जर्मनी के हाथों 0-1 से हार झेलनी पड़ी।

कोपा अमेरिका-2015 में भी अर्जेटीना फाइनल तक पहुंचने में सफल रहा, लेकिन चिली ने उन्हें चौंकाऊ मात दी और अर्जेटीना के लिए कोई अंतर्राष्ट्रीय खिताब जीतने का मेसी का सपना यहां भी अधूरा रह गया।

मेसी को उनके चाहने वाले फुटबाल इतिहास के कुछ चुनिंदा सितारों में मानते हैं, हालांकि एक अदद विश्व कप उन्हें पेले, माराडोना और जिदान की श्रेणी से अब तक दूर रखे हुए है।

 

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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