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प्रादेशिक

‘असंगठित श्रम क्षेत्र सरकार की प्राथमिकता में’

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कोलकाता| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में एक केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को कहा कि असंगठित श्रम क्षेत्र में सुधार लाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है और केंद्र सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए जरूरी कदम उठा रही है। एसआरईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम से इतर कहा, “मेरा मुख्य ध्यान असंगठित श्रम क्षेत्र पर है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पहली बार इस दिशा में पहल की है और श्रम सुविधा पोर्टल (एसएसपी) शुरू किया है। इस पोर्टल के जरिए हम कंपनियों को श्रम पहचान संख्या (एलआईएन) उपलब्ध कराएंगे।”

दत्तात्रेय ने कहा कि केंद्र सरकार 7.5 लाख संस्थानों को एनआईएन नंबर प्रदान कर चुकी है और इसमें और इजाफा होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार ने मजदूरों को युनिवर्सल खाता संख्या (यूएएन) भी उपलब्ध कराए हैं, जो उनके ईपीएफ खाते और ईएसआई सेवाओं को जोड़ने और वेतन राशि पर नियंत्रण रखने में मददगार है। दत्तात्रेय ने कहा, “हमने मजदूरों को यूएएन नंबर उपलब्ध करा दिए हैं, जिससे कि पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सकेगी। ईपीएफ और ईएसआई की सभी सेवाएं अब सेल्फ सर्विस पोर्टल (एसएसपी) के जरिए पाई जा सकेंगी।”

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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