Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

आंध्र-तेलंगाना में सरकारी बसें सड़कों पर नहीं उतरीं

Published

on

APSRTC strike

Loading

हैदराबाद। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सार्वजनिक परिवहन निगम की करीब 20 हजार बसों का संचालन एक लाख से अधिक परिवहन कर्मियों की हड़ताल के कारण बुधवार को ठप है। लंबी दूरी और शहर के अंदर सेवा देने वाली बसों का संचालन ठप रहने से यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।

आंध्र प्रदेश में आंध्र प्रदेश परिवहन निगम सेवा (एपीएसआरटीसी) की 10,576 बसें और तेलंगाना में 9,370 बसें बस अड्डों से बाहर नहीं निकलीं। इस दौरान विद्यार्थियों, नौकरीपेशा लोगों, पर्यटकों और तिरुपति के श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा है। आधी रात से हड़ताल पर डटे कर्मचारी वेतन को दोनों राज्यों में राज्य सरकार के अन्य विभाग के कर्मचारियों के वेतन के समान किए जाने की मांग कर रहे हैं।

एपीएसआरटीसी प्रबंधन ने मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि संगठन की माली हालत उतनी अच्छी नहीं है और दोनों राज्यों के लिए इसका विभाजन किया जा रहा है। प्रबंधन ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों के सहारे सेवा संचालित करने की कोशिश कर रहा है। इसके कारण कुछ स्थानों पर ठेका कर्मियों और हड़ताली कर्मचारियों के बीच संघर्ष भी हुआ। बुधवार को हैदराबाद में महात्मा गांधी बस अड्डे पर वीरानी छाई रही।

महात्मा गांधी बस अड्डा, सिकंदराबाद में जुबली बस अड्डा तथा विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, तिरुपति तथा अन्य स्थानों के बस अड्डों पर सेवा बाधित रही और लोगों को पेरशानी हुई। ग्रेटर हैदराबाद में करीब 3,500 बसों का संचालन नहीं हुआ। एपीएसआरटीसी के प्रबंध निदेशक एन. संबाशिवा राव ने कहा कि सिर्फ बस किराया को 15-20 फीसदी बढ़ाने से वेतन बढ़ाने की मांग पूरी नहीं की जा सकती।

उन्होंने कहा कि संगठन का 14 मई से दोनों राज्यों के लिए दो इकाइयों में विभाजन होने वाला है, इसलिए भी यह मांग अभी पूरी नहीं की जा सकती है। तेलंगाना के परिवहन मंत्री महेंद्र रेड्डी ने कर्मचारियों से अपील की है कि आम लोगों की परेशानी को देखते हुए वे हड़ताल वापस ले लें। उन्होंने साथ ही कहा कि आरटीसी सेवा को आंशिक तौर पर संचालित करने की कोशिश कर रहा है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending