बिजनेस
उतार-चढ़ाव के बीच शेयर बाजार मजबूती के साथ बंद
मुंबई | भारतीय शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांक इस सप्ताह के दौरान 28 सप्ताह के निचले स्तर तक लुढ़क गए थे, लेकिन लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद बाजार मजबूती के साथ बंद होने में कामयाब रहे। पिछली तिथि से प्रभावी कराधान (रिट्रोस्पैक्टिव) पर सरकार के आश्वासन के बाद बाजार को बल मिला।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों के संवेदी सूचकांक सेंसेक्स ने इस सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की। इस दौरान सेंसेक्स 27,204.63 के स्तर पर खुला, जबकि पिछले शुक्रवार को यह 27,011.31 पर बंद हुआ था। लेकिन गुरुवार को सेंसेक्स कर से जुड़ी चिंताओं की वजह से 21 अक्टूबर, 2014 के बाद सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ था। इस दौरान सेंसेक्स में 722.77 अंकों यानी 2.63 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई थी। पिछली तिथि से प्रभावी कराधान नीति पर स्पष्टता में कमी और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों जैसे नकारात्मक कारकों की वजह से बाजार पर दबाव बढ़ा। सेंसेक्स मंगलवार को 50.45 अंकों यानी 0.18 प्रतिशत गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि सोमवार को यह 479.28 अंकों यानी 1.77 प्रतिशत वृद्धि के साथ बंद हुआ था। लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद ऐसा लग रहा था कि चौथे कारोबारी दिन भी बाजार में गिरावट रहेगी, लेकिन शुक्रवार के कारोबारी सत्र में बाजार बढ़त बनाने में कामयाब रहा।
ब्रोकरेज फर्म शेरखान के मुताबिक, “इस सप्ताह भारतीय बाजार में गिरावट बनी रही और बाजार एक सीमित दायरे में कारोबार करता रहा। इस सप्ताह बाजार के प्रमुख सूचकांक भी सीमित दायरे में रहे।” इस सप्ताह कर नीतियों पर जारी अनिश्चितताओं, तेल की बढ़ रही कीमतों, रुपये के घटते मूल्य की वजह से बाजार का रुख कमजोर रहा। विश्लेषकों का कहना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने लगातार बिकवाली की। कमजोर रुपये के साथ न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी), वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में दोबारा उछाल की वजह से बाजार पर दबाव रहा। विदेशकों निवेशकों ने शेयर बाजारों में 6,553.44 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। सरकार द्वारा कर नीतियों में सुधार का आश्वासन देने से बाजार को सहारा मिला।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी निवेशकों के साथ न्यूनतम वैकल्पिक कर विवाद का मुद्दा अब विधि आयोग के अध्यक्ष ए.पी.शाह की अध्यक्षता में समिति के समक्ष रख दिया गया है और इस पर समिति से जल्द सुझाव मांगे गए हैं। इस सप्ताह, 30 में से 10 शेयरों में गिरावट रही, जबकि बाकी 20 शेयर मजबूती के साथ बंद हुए। जिन शेयरों में सर्वाधिक मजबूती रही। उनमें बजाज ऑटो (9.23 प्रतिशत की मजबूती के साथ 21,29.35 रुपये), हिंडाल्को (7.71 प्रतिशत की मजबूती के साथ 139.00 रुपये), हिंदुस्तान यूनिलीवर (5.31 प्रतिशत की मजबूती के साथ 894.60 रुपये), भारती एयरटेल (4.27 मजबूती के साथ 397.95 रुपये) और वेदांता (3.90 प्रतिशत की मजबूती के साथ 218.20 रुपये) शामिल हैं।
जिन शेयरों में सर्वाधिक गिरावट दर्ज हुई, उनमें एनटीपीसी (5.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 142.05 रुपये), एक्सिस बैंक (4.49 रुपये की गिरावट के साथ 542.35 रुपये), आईसीआईसीआई बैंक (4.32 रुपये की गिरावट के साथ 316.95 रुपये), टाटा पॉवर (3.56 प्रतिशत के साथ 73.15 रुपये) और मारुति सुजुकी (3.41 प्रतिशत के साथ 3,604.85 रुपये) शामिल हैं।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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