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उत्तराखंड

उत्तराखंड के कई शहरों में पारे ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ा

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देहरादून। उत्तराखंड के मैदानी इलाके लू की चपेट में हैं, यहां शनिवार को तापमान में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक, उधमसिंह नगर, पंतनगर और देहरादून में तापमान ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ गया।

यहां के मैदानी इलाकों में तापमान 35 डिग्री से 36 डिग्री के आसपास पहुंच गया। पंतनगर में 31 मार्च 1991 को अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। यहां शुक्रवार को अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

देहरादून में तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो 2001 के तापमान के समान है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अधिकतर मैदानी इलाकों में तापमान छह से आठ डिग्री सेल्सियस रहा।

हालांकि, मौसम विभाग ने अगले सप्ताह कुछ क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना के चलते तापमान में गिरावट के आसार जताए हैं।

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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