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‘उप राज्यपाल को वरिष्ठ नागरिकों की मुफ्त तीर्थयात्रा पर आपत्ति’

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नई दिल्ली, 30 मार्च (आईएएनएस)| दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि उप राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार की वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त तीर्थयात्रा कराने की योजना पर आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार की ‘मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना’ के तहत हर साल 77,000 लोगों को मुफ्त में तीर्थ यात्रा पर ले जाने का प्रस्ताव दिया गया है लेकिन इसके लिए बैजल की मंजूरी की जरूरत है।

गहलोत ने ट्वीट किया, अब उप राज्यपाल को तीर्थ यात्रा योजना पर आपत्ति है। उप राज्यपाल इसे बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) तक सीमित रखना चाहते हैं। वह भूल जाते हैं कि बहुत से बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता का सहयोग नहीं करते हैं। ऐसे बुजुर्गो को सरकार का समर्थन पाकर खुशी होगी और हर सरकारी सहायता को सिर्फ बीपीएल तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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