Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

ऑडियो टेप में फंसे नायडू, तेदेपा ने केसीआर के खिलाफ दर्ज कराए मुकदमे

Published

on

naidu KCR

Loading

हैदराबाद। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के खिलाफ आंध्र प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में सोमवार को मामला दर्ज कराया। तेदेपा ने तेलंगाना सरकार पर आंध्र के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू की छवि खराब करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब एक ऑडियो टेप जारी हुआ है जिसमें तेलंगाना के मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफन्सन और चंद्रबाबू नायडू के बीच बातचीत का जिक्र है, जो कुछ चैनलों में प्रसारित हो रहा है।

तेदेपा नेताओं ने इसे नायडू सरकार की छवि खराब करने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए इस मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव, वहां के एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और कुछ टीवी चैनलों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कृष्णा, गुंटुर, विशाखापट्टनम और पश्चिमी गोदावरी जिले के विभिन्न पुलिस थानों में मामले दर्ज कराए गए हैं।

राव के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वालों ने आंध्र प्रदेश के सिंचाई मंत्री उमामहेश्वर राव और कुछ विधायक शामिल हैं। उनका दावा है कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार ने नायडू की छवि खराब करने के लिए कुछ टीवी चैनलों द्वारा प्रसारित ऑडियो में छेड़छाड़ की है। ऑडियो टेप रविवार रात कुछ चैनलों पर प्रसारित हुई थी। इनमें से एक टी न्यूज पर टीआरएस का स्वामित्व है। साजिश तथा जालसाजी से जुड़े भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आंध्र प्रदेश के विभिन्न हिस्से में तेदेपा नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। उन्होंने चंद्रशेखर राव के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला जलाया।

आंध्र सरकार ने टेप में नायडू की आवाज होने से इंकार करते हुए कहा कि वह इसके खिलाफ कानूनी, संवैधानिक और राजनीतिक रूप से लड़ाई लड़ेगी। ऑडियो टेप जारी होने से तीन दिन पहले तेलंगाना के गृह मंत्री एन.नरसिम्हा रेड्डी ने कहा था कि सरकार के पास इस बात के सबूत हैं कि नायडू ने स्टीफन्सन तथा टीआरएस के कुछ विधायकों से बात कर तेदेपा-भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में वोट देने को लेकर उन्हें प्रलोभन दिया था।

तेलंगाना विधानसभा में तेदेपा सदस्य रेवनाथ रेड्डी को 31 मई को एसीबी ने उस वक्त गिरफ्तार किया था, जब उन्होंने तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में तेदेपा-भाजपा उम्मीदवार को वोट देने के लिए मनोनीत विधायक स्टीफन्सन को 50 लाख रुपये के रिश्वत की पेशकश की। एसीबी ने स्टीफन्सन की शिकायत पर जाल बिछाया था। इसने रेवनाथ के सहयोगियों सेबेस्टियन हैरी और उदय सिन्हा को भी गिरफ्तार किया है।

नेशनल

हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक, कांग्रेस को भारी पड़ी गुटबाजी

Published

on

Loading

सुबह 8 बजे जब EVM खुलीं तो काँग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश हाई था .. जैसे जैसे घड़ी की सुई आगे बढ़ती गई कार्यकर्ताओं का जोश नाच गाने और लड्डू बांटने में तब्दील हो गया.. लेकिन ये क्या अचानक से वक्त बदल गया हालात बदल गए और देखते देखते जज़्बात ठंडे पड़ गए .. हरियाणा में जो काँग्रेस रुझानों में पूर्ण बहुमत में दिख रही थी वो अर्श से फर्श पर आ गई और जो बीजेपी फर्श पर पड़ी थी वो अर्श पर पहुँच गई. अब जोश वही था लेकिन हालात और जज़्बात अपनी जगह बदल चुके थे.. अब ढोल की गूंज बीजेपी ऑफिस पहुँच चुकी थी और लड्डू बीजेपी कार्यकर्ताओं का मुंह मीठा कर रहे थे .लोकसभा चुनाव की तरह हरियाणा के नतीजों ने भी चुनावी पंडितों को मुंह छिपाने के लिए मजबूर कर दिया.. सारे  पोल धाराशाई हो गए.. बीजेपी का कमल पूरे बहुमत के साथ खिल गया.. काँग्रेस के मुख्यालय 24 अकबर रोड के जिस कमरे में कौन बनेगा हरियाणा का मुख्यमंत्री पर चर्चा हो रही थी वहाँ का माहौल गमगीन हो गया और इस बात पर चर्चा होने लगी इस हार का बलि का बकरा कौन बनेगा.. 10 साल की एंटी इनकंबेंसी को बीजेपी की रणनीति ने प्रो इनकंबेंसी में बदल कर तीसरी बार सत्ता में वापसी कर ली. जान लेते हैं वो कौन सी वजहें थीं जिसने हरियाणा में कांग्रेस की नैया डुबाने का काम किया है.

गुटबाजी कांग्रेस को भारी पड़ी

हरियाणा चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी की होती रही. कुमारी शैलजा और हुड्डा के साथ एक खेमा रणदीप सिंह सुरजेवाला का भी था. ऊपर के नेताओं के बीच की इस खींचतान ने संगठन को नुकसान पहुंचाने का काम किया और कार्यकर्ताओं के अंदर भी असमंजस की स्थिति बनी रही. तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में खेमेबाजी पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहा और पार्टी जीती हुई लड़ाई हार गई।

एंटी इनकंबेंसी को भुनाने में रही नाकामयाब

काँग्रेस अपनी अंदरूनी खींचतान से ही नहीं उबर पाई जिससे चुनाव प्रचार के दौरान काँग्रेस बीजेपी की गलतियों को भुनाने में नाकामयाब रही . हालांकि कांग्रेस के पास 10 साल की एंटी इनकंबेंसी,  मुख्यमंत्री बदलने जैसे मुद्दे थे. पहलवानों का प्रदर्शन और अग्निवीर योजना से लेकर किसान आंदोलन जैसे बड़े मुद्दों को प्रचार के दौरान ठीक से हवा नहीं दी जा सकी. लिहाजा पार्टी का पूरा ध्यान खेमेबाजी पर लगाम लगाने में ही रहा और इसका बीजेपी ने पूरा फायदा उठाया.

केजरीवाल की बेल ने बिगाड़ा खेल

चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल जेल से बाहर आए तो गठबंधन के लिहाज से काफी देर हो चुकी थी .. केजरीवाल खुलकर हरियाणा के चुनावी मैदान में उतार चुके थे लेकिन आम आदमी पार्टी के साथ अगर काँग्रेस का गठबंधन होता तो शायद तस्वीर अलग होती.

टिकट बंटवारे में दिखी गुटबाजी

टिकट बंटवारे में गुटबाजी और भाई भतीजाबाद को अलग रखकर सिर्फ विनिंग उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी जाती, तो भी नतीजे उलट सकते थे. आम आदमी पार्टी को भले ही किसी सीट पर जीत न मिली हो, लेकिन करीबी मुकाबले वाली सीटों पर उसने कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने का काम किया है…

एस एन द्विवेदी के साथ शिखा मेहरोत्रा की रिपोर्ट

Continue Reading

Trending