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उत्तराखंड

करोड़ों की ठगी करने वाला दारोगा पुलिस के हत्थे चढ़ा

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करोड़ों की ठगी, दारोगा पुलिस के हत्थे, ठगी का उस्ताद वीके शर्मा, ठगी करने के तरीके का डेमो

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करोड़ों की ठगी, दारोगा पुलिस के हत्थे, ठगी का उस्ताद वीके शर्मा, ठगी करने के तरीके का डेमो

Vinod Kumar Sharma

करोड़ों की संपत्ति का मालिक है ठग

देहरादून। खुद को यूपी पुलिस में दारोगा बताने वाला ठगी का उस्ताद वीके शर्मा देहरादून पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इसी शातिर ने पुलिस को चैलेंज किया था कि हिम्मत है तो पकड़कर कर दिखाओ। पुलिस के अनुसार उसने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में करीब 1200 घटनाओं को अंजाम देने की बात कबूल की है। वीके शर्मा ने पुलिस की मौजूदगी में लोगों को ठगी करने के तरीके का डेमो भी दिखाया। बीती 28 जुलाई को यह ठग अपने बेटे की मदद से देहरादून में आठ बुजुर्गों से कई लाख के जेवर ठग कर फरार हो गया था। उसके पास से पूरा माल बरामद हो गया है।

देहरादून में 28 जुलाई को अलीगढ़ जिले के रामघाट राजनगर निवासी विनोद कुमार शर्मा ने अपने बेटे विवेक शर्मा के साथ मिलकर दो घंटों में आठ बुजुर्गों से सोने के जेवरात ठग कर सनसनी फैला दी थी। पुलिस ने चैबीस घंटे में विवेक शर्मा को साथी सर्राफ के साथ दबोच लिया था। उस दिन शर्मा पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो गया था।

अलीगढ़ स्थित आवास पर दबिश दी गई तो पता चला कि शर्मा ने अपने घर पर यूपी पुलिस के दारोगा की नेम प्लेट लगा रखी थी। आरोपी खुद को यूपी पीएचक्यू में दारोगा बताता था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि एसओजी और क्लेमेंटटाउन पुलिस ने वीके शर्मा को चंद्रबनी तिराहे से गिरफ्तार कर लिया। ठगी के जेवर के साथ उसके पास से यूपी सब इंस्पेक्टर की वर्दी, स्टार, बैच, नेम प्लेट के अलावा फर्जी तरीके से बनाया गया परिचय पत्र भी मिला है।

एसओजी प्रभारी ने उससे ठगी का तरीका पूछा तो आरोपी विनोद ने पूरी पुलिस फोर्स के सामने अपनी बातों का जादू चलाते हुए एसओजी प्रभारी अशोक राठौड़ की अंगूठी उतरवा ली। आरोपी ने बताया कि यदि राठौड़ ऐसे नहीं मानते तो ठगी करने का दूसरा रास्ता अख्तियार करता। एसएसपी ने बताया कि आरोपी 2003 में देहरादून में पकड़ा गया था। इसके अलावा मेरठ, कानपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, हरिद्वार में ठगी की घटनाएं अंजाम दे चुका है।

फर्जी तरीके से पुलिस की वर्दी पहनकर घूमने के आरोप में भी विनोद शर्मा के खिलाफ क्लेमेंटटाउन थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक नगर अजय सिंह और एएसपी तृप्ति भट्ट इस दौरान मौजूद रही।

ठगी का उस्ताद कई करोड़ की संपत्ति का वारिस है। एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि वीके शर्मा के तीन आवास होने के साथ पांच प्लाट भी हैं। यह संपत्ति गैर कानूनी ढंग से अर्जित की गई है। ठग के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

हाईस्कूल फेल वीके शर्मा को बचपन से पुलिस में जाने का शौक था, लेकिन भर्ती नहीं हो सका। पुलिस हिरासत में वीके शर्मा ने बताया कि उसके कई रिश्तेदार पुलिस में हैं, जबकि एक रिश्तेदार तो यूपी के एक जिले में एडीएम भी हैं। हालांकि उसकी करतूत से उनका कोई लेना-देना नहीं है। ठग वीके शर्मा ने अपने बेटे को पढ़ाने के बजाय इस धंधे में उतारने के सवाल पर शर्मा ने टका सा जवाब दिया। साहब चोर का बेटा चोर ही तो बनेगा। बीते 13 साल से वह पकड़ा नहीं जा सका है, क्योंकि अधिकतर घटनाएं दर्ज नहीं होती थी।

एसएसपी ने एसओजी प्रभारी अशोक राठौड़, एसओ क्लेमेंटटाउन नरेश राठौड़, उप निरीक्षक राजेन्द्र पुजारा, कांस्टेबल सुनील कुमार, पंकज कुमार, भगवान सिंह, प्रमोद कुमार, ललित कुमार, देवेन्द्र कुमार, अरशद अली और आशीष को पुरस्कृत करने की घोषणा की।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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