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प्रादेशिक

कैट: 3 माह में अमिताभ कैडर केस निस्तारित करें

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कैट: 03 माह में अमिताभ कैडर केस निस्तारित करेंकेंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने भारत सरकार को आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा कैडर परिवर्तन हेतु प्रेषित आवेदन पर 3 माह में निर्णय लेने के आदेश दिए हैं।

न्यायिक सदस्य जस्टिस विष्णु चन्द्र गुप्ता की बेंच ने यह आदेश अमिताभ की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर, केंद्र सरकार के अधिवक्ता शत्रोघन लाल तथा राज्य सरकार के अधिवक्ता सुदीप सेठ को सुनने के बाद दिया।

इस दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि उन्हें अमिताभ के कैडर परिवर्तन पर कोई आपत्ति नहीं है जबकि केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि वे नियमों के अनुसार कार्यवाही करेंगे।

अमिताभ ने मुलयम सिंह धमकी मामले के बाद से उन्हें नौकरी में कई प्रकार से प्रताड़ित किये जाने और कई ताकतवर लोगों द्वारा उन्हें जान को वास्तविक खतरा होने की बात कहते हुए 16 जून 2016 को कैडर परिवर्तन हेतु प्रत्यावेदन दिया गया था, जिसमे उन्होंने कहा था कि इस कैडर में उनके लिए स्थिति लगातार बदतर हो रही है और उनके साथ शत्रुओं की तरह बर्ताव हो रहा है. वरिष्ठ अफसरों द्वारा उनके खिलाफ खोज-खोज कर फर्जी मामले खड़े किये जा रहे हैं और बिना किसी बात के भी विभागीय जाँच शुरू कर दी जा रही है. उन्होंने अपने खिलाफ खोले गए सभी विभागीय जाँच भी अन्य अन्य राज्य सरकार को आवंटित किये जाने का अनुरोध किया था।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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