Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

अब चिदम्बरम बोले- केंद्र से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगेंगे लोग

Published

on

Loading

chidambaram– कांग्रेस कार्यकाल में भी सर्जिकल स्ट्राइक होने का किया दावा

– बोले, संयम की नीति के कारण सरकार ने नहीं लिया श्रेय

नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय भी सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने दावा करते हुए कांग्रेस नेता पी. चिदम्बरम ने मंगलवार को कहा कि लोग हाल में नियंत्रण रेखा के पार (एलओसी) किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो फुटेज जारी करने की मांग करेंगे, क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने सैन्य कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लिया है। एक टीवी चैनल के साथ बातचीत में चिदम्बरम ने कहा कि कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने सैन्य कार्रवाई का श्रेय नहीं लिया था। इसके विपरीत नरेंद्र मोदी सरकार ने जान बूझकर सैन्य कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लिया है।

कांग्रेस नेता ने टीवी चैनल सीएनएन न्यूज 18 से कहा, सीमा पार जाकर इस तरह की सैन्य कार्रवाइयां पहले भी हुई हैं, जिनमें इस तरह की कम से कम एक कार्रवाई की पुष्टि जनवरी, 2013 को तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल बिक्रम सिंह ने की थी। अन्य भी हुई हैं, लेकिन मैं विस्तार से उल्लेख नहीं करना चाहता हूं।
पूर्व गृह मंत्री ने कहा, सीमा पार कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लेने और जोर शोर से प्रचार करने पर केवल यही उम्मीद की जाएगी कि लोग वीडियो जारी करने की मांग करेंगे। इसलिए मैं आश्वस्त हूं कि विशुद्ध सैनिक कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय लेने के परिणामों के बारे में सरकार ने जरूर सोचा होगा।

चिदम्बरम ने कहा, और, परिणामों को लेकर सोचा है तो वीडियो जारी करने की मांग पर सरकार को जवाब देने दीजिए। कांग्रेस नेता ने संप्रग के शासनकाल में हुई इस तरह की कार्रवाई का प्रचार नहीं करने का श्रेय सरकार की सामरिक संयम नीति को दिया।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने फैसला किया था कि सीमा पार जाकर कार्रवाई करना सेना का निर्णय होना चाहिए और यह सेना के जनरलों पर है कि वे क्या कहना चाहते हैं। हमने सैन्य कार्रवाई का राजनीतिक श्रेय नहीं लिया। इस सरकार ने वह जिम्मेदारी ले ली।

पूर्व गृह मंत्री ने कहा, हमने सही रणनीति का अनुसरण किया। हमारी सामरिक संयम की नीति थी। नीतियों को अनुकूल बनाना या उसमें सुधार करना निसंदेह, प्रत्येक सरकार का विशेषाधिकार है। अगर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने सामरिक संयम की नीति में सुधार, बदलाव किया है तो यह उनका फैसला है, उस फैसले का परिणाम उन्हें भुगतना है।

कांग्रेस नेता ने कहा, विपक्ष के रूप में हम सरकार का समर्थन करते हैं, लेकिन नीतियों में सुधार और सैनिक कार्रवाई के राजनीतिक श्रेय लेने के फैसले के परिणामों की पूरी जिम्मेदारी मोदी सरकार की है। उन्होंने कहा कि साल 2004 से 2014 के बीच संप्रग के शासनकाल में किसी अन्य काल से अधिक आतंकवादी गिरफ्तार किए गए थे और मारे गए थे।

नेशनल

बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

Published

on

Loading

बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।

हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज

इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।

Continue Reading

Trending