अन्तर्राष्ट्रीय
चीन विश्वयुद्ध बाद की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करता है : फू
बीजिंग। चीन दूसरे विश्व युद्ध के बाद अस्तित्व में आए संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क और उससे संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों को अपना योगदान और समर्थन दे रहा है। चीन की 12वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के विदेशी मामलों की समिति की अध्यक्ष फू यिंग ने बुधवार को यहां यह बात कही।फू ने ‘फुलर्टन लेक्च र’ में अपने व्याख्यान में कहा, “चीन जिस अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को जानता है और उसका समर्थन करता है, वह है संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क और उससे जुड़े अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, जो दूसरे विश्व युद्ध के बाद अस्तित्व में आए।”
फू ने कहा कि चीन ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था से जुड़ने का निर्णय लिया और इसका हिस्सा बनकर काफी लाभान्वित हुआ है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था विश्व में शांति और सुरक्षा बनाए रखने और देशों के बीच निष्पक्ष और समान संबंधों के सिद्धांत और नियम मुहैया कराने के लिए बनी थी, जिसने इसे व्यापक तौर पर सर्वमान्य वैधता प्रदान की।
फू ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के संबंध में चीन की भूमिका ‘सीखने और अनुकूल बनने’, ‘भागीदारी और लाभान्वित होने’ से बदलकर ‘सुधारक और योगदानकर्ता’ की हो गई है।उन्होंने कहा कि चीन की पहल एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) और चीन द्वारा प्रस्तावित क्षेत्र और सड़क योजनाएं इस तरह के प्रयासों के अच्छे उदाहरण हैं। चीन अतंर्राष्ट्रीय समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इस दिशा में प्रगति को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहा है।
फू ने कहा कि विश्व किसी बिंदु पर अपेक्षाकृत एक बड़े और अधिक समग्र वैश्विक व्यवस्था फ्रेमवर्क के बारे में सोच सकता है। उन्होंने कहा, “हम इस तरह के किसी प्रारूप की तुलना एक बड़े छाते से कर सकते हैं, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हरेक सदस्य के लिए स्थान हो।”उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई फ्रेमवर्क निर्मित करने के लिए देशों को हर स्तर पर अधिक गहन संवाद स्थापित करने होंगे।इस व्याख्यान का आयोजन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज-एशिया ने द फुलर्टन होटल सिंगापुर के सहयोग से किया था। व्याख्यान भू-अर्थशास्त्र, अंतर्राष्ट्रीय कानून, विदेश नीति, रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित था।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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