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जयललिता के शपथ लेने पर रोक लगाने की मांग
नई दिल्ली। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) प्रमुख जे. जयललिता के खिलाफ एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल की गई है। इस याचिका में याचिकाकर्ता ने मांग की है कि उनके दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर रोक लगाई जाए। आशंका जताई जा रही है कि जयललिता 23 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं।
जयललिता को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अवैध संपत्ति के मामले में बरी कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय में वकील जी.एस. मणि ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा जयललिता को बरी किए जाने से उनकी राज्य विधानसभा की सदस्यता की अयोग्यता स्वत: समाप्त नहीं होती। जयललिता को निचली अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले मे दोषी ठहराया था, बाद में उच्च न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि उच्च न्यायालय द्वारा उनको बरी किए जाने से उनकी विधानसभा सदस्य बनने की अयोग्यता तब तक समाप्त नहीं होती जब तक कि सर्वोच्च न्यायालय यह फैसला नहीं करता कि कौन सा आदेश (निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने वाला फैसला अथवा उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने का फैसला) सही है। इसके अलावा मणि ने कहा कि जयललिता शपथ तभी ले सकतीं है जब सर्वोच्च न्यायालय उन्हें इसकी अनुमति दे अथवा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की 90 दिनों की समय सीमा समाप्त हो जाए। जयललिता को तीन अन्य के साथ बेंगलुरू की निचली अदालत ने 27 सितंबर 2014 को दोषी ठहराया था। हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 11 मई को उन्हें दोषी ठहराए जाने के फैसले को पलट दिया था।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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