बिजनेस
जापानी बैंक ने रिलायंस कैपिटल में हिस्सेदारी खरीदी
मुंबई | अनिल अंबानी के स्वामित्व वाले रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने गुरुवार को कहा कि प्रमुख जापानी बैंक सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट बैंक लिमिटेड ने कंपनी में 2.77 फीसदी रणनीतिक हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। रिलायंस कैपिटल ने एक बयान जारी कर कहा कि इस सौदे के तहत सुमितोमो बैंक से उसे संपूर्ण रकम 371 करोड़ रुपये (5.84 करोड़ डॉलर) मिल चुके हैं।
बयान के मुताबिक, सुमितो मित्सुई ट्रस्ट बैंक पहले सभी तरह की नियामकीय मंजूरी मिलने पर रिलायंस कैपिटल में हिस्सेदारी खरीदने पर सहमत हुआ था।कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट बैंक ने 371 करोड़ रुपये (5.84 करोड़ डॉलर) में तरजीही शेयर आवंटन के जरिए और एक साल की लॉक इन अवधि के साथ रिलायंस कैपिटल में शुरुआती 2.77 फीसदी रणनीतिक हिस्सेदारी खरीद ली है।” कंपनी ने कहा कि यह अधिग्रहण प्रति शेयर 530 रुपये की दर से किया गया है, जो संबंधित तिथि को शेयर मूल्य से 11 फीसदी अधिक है। सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट समूह बाजार पूंजीकरण और कंपनी को दिए ऋण के मामले में जापान का चौथा सबसे बड़ा बैंक है। यह जापान का सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान है, जो 30 सितंबर 2014 की स्थिति के मुताबिक 682 अरब डॉलर मूल्य की संपत्ति का प्रबंधन करता है और उसकी कस्टडी के तहत 1,800 अरब डॉलर मूल्य की संपत्ति है।
रिलायंस कैपिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम घोष ने कहा, “रिलायंस कैपिटल में एक रणनीतिक साझेदार के तौर पर सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट का स्वागत करते हैं। हमें विश्वास है कि इससे हमारा विकास तेज होगा और हम नए अवसरों का दोहन कर पाएंगे।” दोनों पक्षों में हुए समझौते के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति मिलने के बाद रिलायंस कैपिटल एक रणनीतिक साझेदार के रूप में सुमितोमो मित्सुई ट्रस्ट बैंक के साथ मिलकर भारत में एक नया बैंक स्थापित करना चाहता है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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