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जोधपुर की अदालत ने युवती का बाल विवाह तोड़ा

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जोधपुर, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजस्थान की एक अदालत ने सोमवार को 18 वर्षीया एक युवती की वर्ष 2010 में 12 वर्ष की उम्र में हुई शादी को रद्द कर दिया। यह फैसला जोधपुर के एक परिवार न्यायालय ने सुनाया। सुशीला (18) के लिए यह एक बड़ी जीत है। उसने गौना (शादी के बाद दुल्हन की विदाई) से एक दिन पहले ही अपना घर छोड़ दिया। सुशीला उसके बाद एक आश्रय घर में रह रही थी और एक गैर लाभकारी संगठन सृष्टि ट्रस्ट के जरिए परिवार न्यालालय का दरवाजा खटखटाया।

सुशीला ने बयान में कहा, कृति दीदी की मदद से मेरा बाल विवाह रद्द हुआ। अब मैं पुलिस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा कर सकती हूं।

राजस्थान के बाड़मेर जिले के भंडियावास निवासी सुशीला की वर्ष 2010 में 12 वर्ष की अवस्था में जोधपुर जिले के बिलासपुर गांव के नरेश से शादी कर दी गई थी। उसके पिता ने पिछले वर्ष से उसे स्कूल भेजना बंद कर, गौना की तैयारी शुरू कर दी थी।

इसके बाद सुशीला 27 अप्रैल 2016 की मध्यरात्रि को घर छोड़कर चली गई। इस दौरान सृष्टि ट्रस्ट की प्रबंध ट्रस्टी और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक कृति भारती ने उसे बाड़मेर राजमार्ग पर देखा और बाड़मेर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने के बाद अपने साथ रख लिया। बाद में सुशीला को जोधपुर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। वह यहां के बालगृह में पिछले 15 माह से सुरक्षित तरीके से रह रही थी।

भारती की मदद से सुशीला ने सात वर्ष पूर्व हुए विवाह को रद्द करवाने के लिए परिवार न्यायालय में याचिका दाखिल की।

भारती ने सुशीला के पति नरेश के दो फेसबुक खातों से बाल विवाह के समर्थन में सबूत जुटाए।

भारती ने कहा, परिवार न्यायालय ने समाज के समक्ष बाल विवाह के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया है। सुशीला अब दोबारा अपनी पढ़ाई से जुड़ पाएगी और उसके बेहतर पुनर्वास के प्रयास किए जाएंगे।

सारथी ट्रस्ट ने भारत में अब तक 33 बाल विवाह को रद्द करवाया है और कई बाल विवाहों को होने से रोका है।

भारत में बाल विवाह कानून के विरुद्ध है, लेकिन कई जगहों पर खासकर राजस्थान में लोग अभी भी इस कुप्रथा को आगे बढ़ा रहे हैं।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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